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नंदकिशोर सारस्वत/जोधपुर. आपसी रिश्तों में प्रेम सद्भाव का संदेशवाहक रंगों के त्योहार होली पर 9 मार्च को होलिका दहन भद्रा रहित प्रदोषकाल में निर्विवाद रूप से होगा। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन प्रदोषकाल में ऐसा मंगलकारी सर्वार्थसिद्धि योग लंबे अर्से बाद हो रहा है। शास्त्रोक्त मान्यतानुसार फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रामुख में होलिका दहन अशुभ माना गया है। लेकिन इस बार होलिका दहन में भद्रा बाधक नहीं होगी। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 9 मार्च को पूर्णिमा तिथि अद्र्धरात्रि में 11.17 बजे तक रहेगी। भद्रा दिन में 1 बजकर 10 मिनट तक ही होने से शाम को प्रदोषकाल में श्रेष्ठ मुहूर्त है। धूलंडी के दिन 10 मार्च को त्रिपुष्कर योग रहेगा।

499 साल बाद हो रहा अनूठा संयोग
इस बार होली के दिन न्याय के देवता शनि और देवताओं के गुरु बृहस्पति स्वराशि में रहेंगे। देवगुरु धनु राशि में और शनिदेव मकर राशि में होंगे। ज्योतिषियों के अनुसार ऐसा संयोग करीब 499 साल पहले 3 मार्च 1521 में हुआ था। इस योग से रोग शोक, और शोक का नाश होगा और शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होगी। सोमवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र होने से ध्वज योग रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार ध्वज योग यश-कीर्ति व विजय प्रदान करने वाला होता हैं। पूर्णिमा तिथि के सोमवार होने से चन्द्रमा का प्रभाव ज्यादा रहेगा। स्वराशि स्थित बृहस्पति की दृष्टि भी चन्द्रमा पर रहेगी। इससे गज केसरी योग का प्रभाव रहेगा।

रावजी की गेर का होगा जगह-जगह स्वागत
मण्डोर क्षेत्र में होली के दूसरे दिन रामा-श्यामा को माली समाज की ओर से रावजी की गेर मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी है। क्षेत्र के बुर्जुगों के मार्गदर्शन में प्रत्येक मौहल्ले व बेरे की गलियों व रास्तों पर तोरणद्वार के साथ स्वागत होर्डिंग व बैनर लगाने की होड़ सी मची है। युवा कांग्रेस के जिला सचिव लक्ष्मणसिंह सोलंकी ने बताया कि जिला और पुलिस प्रशासन भी ऐहितायत के तौर पुख्ता इंतजाम करने में जुटा है।

Source: Jodhpur

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