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बालोतरा. यहां वस्त्र उद्योग में उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के श्रमिकों के घर पर होली मनाकर वापस लौटने पर असमंजस बढ़ रहा है। हजारों अप्रवासियों के बालोतरा लौटने व यहां स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं होने पर स्थानीय उद्यमी व आमजन चिंतित हैं।

बालोतरा, जसोल, बिठूजा के वस्त्र धुपाई-रंगाई व छपाई उद्योग में अन्य राज्यों के हजारों श्रमिक कार्यरत हैं। जीगर पर डाइंग, मसराइज करने के अलावा पेडिंग, प्रोसेज आदि के काम ये श्रमिक करते हैं।

ठहरने व भोजन व्यवस्था के साथ अच्छी मजदूरी मिलने पर अन्य प्रदेशों के श्रमिक भी यहां काम करना पसंद करते हैं। एक अनुमान के तौर पर अन्य प्रदेशों से करीब दस हजार से अधिक श्रमिक यहां कार्यरत हैं।

अन्य प्रदेशों के श्रमिक होली मनाने के लिए पर्व से दो-तीन पहले घर गए थे। इस दौेरान रखरखाव को लेकर सीईटीपी प्लांट बंद होने पर यहां कारखानों में कामकाज नहीं हो रहा है। इस कारण श्रमिक घरों पर ही है।

अगले सप्ताह प्लांट शुरू होने पर कारखानों में काम आरंभ होगा। तब घरों को गए श्रमिक वापिस लौटेंगे। उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश व अन्य सघन आबादी वाले राज्य हैं। वहां इन श्रमिकों के किसी संदिग्ध कोरोना रोगी के संपर्क में आने को लेकर उद्यमी व आमजन चिंतित हैं।

कोरोना को लेकर सभी गंभीर हैं। उद्यमियों से सरकार की ओर से जारी एडवाईजरी की पालना करने की अपील की है। सरकार व प्रशासन जो भी मार्गदर्शन देगा, उसकी पालना करेंगे।

– भरत मेहता, अध्यक्ष, सीईटीपी ट्रस्ट, जसोल

कोरोना को लेकर धारा 144 लागू की गई है। कारखानो में एक स्थान पर 20 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र नहीं होने के निर्देश दिए हैं।

– रोहित कुमार, उपखंड अधिकारी, बालोतरा

Source: Barmer News

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