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बाड़मेर .

आर्थिक मंदी के बाद कोरोना के असर से बालोतरा के वस्त्र उद्योग को बड़ा झटका लगा हैं। देश के अन्य प्रदेशों में तैयार माल की मांग नहीं होने व कमजोर उठाव पर बालोतरा के उद्यमियों ने ग्रे कपड़ा खरीदना बंद कर दिया है। इस पर दो दिन से मालेगांव से ग्रे की आवक नहीं हो रही है, शनिवार को ईचलकरणजी से आवक बंद होने की संभावना है। कोरोना से बड़े नुकसान से उद्यमियों के सामने आर्थिक व श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। पोपलीन नगर के नाम से देश व विदेश में प्रसिद्ध बालोतरा वस्त्र उद्योग पिछले कुछ समय से संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रदूषण समस्या के बाद आर्थिक मंदी से बालोतरा का वस्त्र उद्योग ऊपर उठा ही नहीं कि कोरोना के कहर से बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
ग्रे की आवक बंद,आधी हो रही आवक-

बालोतरा-जसोल के तैयार माल की पिछले कुछ समय से देश के अन्य प्रदेशों में मांग घटकर आधी हो गई है। इस पर बालोतरा-जसोल के उद्यमी ग्रे-माल नहीं मंगवा रहे हैं। मालेगांव, इंचलकरणजी, भिवण्डी, त्रिपुर, इरोड आदि से बालोतरा-जसोल में प्रतिदिन करीब 7-8 हजार ग्रे गांठ की आवक होती है, लेकिन कोरोना पर तैयार माल की कम मांग पर स्थानीय व्यापारियों ने 18 मार्च से मालेगांव से ग्रे की खरीद बंद कर दी। शनिवार को इंचलकरणजी से बंद करेेंगे। इस पर ग्रे की आवक घट कर आधी ही हो गई है।
कोरोना के कहर ने बढ़ाई परेशानी – उद्योग पहले से ही आर्थिक संकट में गुजर रहा है। होली पर्व पर भी तैयार माल की मांग कमजोर थी। लेकिन एक सप्ताह में कोरोना के कहर पर अब मांग बिल्कुल नहीं है। इस पर ग्रे माल नहीं मंगवा रहे हैं। – अशोक ढेलडिय़ा, उद्यमी

तैयार कपड़े की मांग बहुत कम- कोरोना रोग प्रकोप से उद्योग अधिक प्रभावित है। बाहर की मण्डियों में तैयार माल की मांग बहुत कम है। अनिश्चिता के माहौल पर स्थानीय उद्यमी अब एडंवास में माल तैयार करने से बच रहे हैं। इस पर मालेगांव, इंचलकरणी से ग्रे माल नहीं मंगवा रहे हैं। – कन्हैयालाल टावरी, उद्यमी

Source: Barmer News

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