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बाड़मेर. कोरोना वायरस को लेकर जहां देशभर में फिक्र है वहां कालाबाजारी करने वाले इसमें भी नहीं चूक रहे है। बाजार में मेडिकल की दुकानों पर मास्क उपलब्ध नहीं हो रहे है।

कालाबाजारी करने वालों ने इसके लिए अब कीमत से चौगुने वसूलने शुरू कर दिए है। कोरोना वायरस को लेकर आम आदमी मास्क खरीदने को लेकर पहल करने लगे है।

इधर चिकित्सा महकमे का कहना है कि आम आदमी के लिए मास्क जरूरी नहीं है, केवल मरीज व चिकित्सकीय स्टाफ के लिए ही जरूरी है। उनके लिए पर्याप्त इंतजाम है।

कोरोना वायरस को लेकर सावचेती के लिए पत्रिका ने गुरुवार शाम को शहर में मास्क की जरूरत को लेकर टटोला तो मेडिकल की दुकानों पर मास्क की अनुपलब्धता सर्वत्र सामने आई है।

दवा के दुकानदारों का कहना है कि मास्क दस दिन पहले ही खत्म होने लगे थे। जितने मंगवाए वे हाथों हाथ बिक रहे है। नया स्टॉक अभी उपलब्ध नहीं हो रहा है। इसको लेकर हमने आगे बात की है।

इधर यह स्थितियां भी सामने

जहां दुकानदार सीधे तौर पर मना कर रहे है वहीं कई बिचौलियों के पास में मास्क पहुंच गए है जो अब इनके दाम 100 से 200 रुपए तक वसूलने शुरू कर दिए है। इन मास्क की वास्तविक कीमत 10 रुपए ही है।

कंपनियों, बैंक और कार्मिकों ने मांग रहे लेकिन उपलब्ध नहीं

बैंक, कंपनियां और कार्मिक जिनको काम करने के लिए समूह में बैठना पड़ रहा है वे मास्क की मांग कर रहे है लेकिन मास्क उपलब्ध नहीं हुए है। एेसे में इन कार्मिकों के लिए मास्क की जरूरत को लेकर भी किसी के पास जवाब नहीं है।

मरीजों के लिए पर्याप्त

मरीज और चिकित्साकर्मियों के लिए पर्याप्त मास्क उपलब्ध है। आम लोगों के लिए मास्क जरूरी नहीं है।
डा. कमलेश पटेल

Source: Barmer News

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