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रतन दवे.

बाड़मेर. कोरोना वायरस की हार का मूलमंत्र है ‘ स्वयं’। चारों तरफ से अपील आ रही है कि केवल आप तय कर लें कि कोरोना को हराना है तो कोरोना की बिसात ही नहीं कि वह जीत पाए। खुद को आने वाले दिनों में इतना संयमित और सुरक्षित कर लें कि वायरस न आपको छुए न आप किसी और को वायरस पहुंचाएं।

यह लापरवाही कत्तई ठीक नहीं है कि ‘मेरे कुछ नहीं हो सकता’। यह लड़ाई एक वायरस से है जो आपके सामने कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।

इस लड़ाई में आप खुद अपना सुरक्षा कवच हैं, इसके बिना आप लड़ ही नहीं सकते। इसलिए जिन निर्देशों को सरकार और चिकित्सा महकमा जारी कर रहा है उनकी अक्षरश: पालना करें।

दूसरा मसला सोशल मीडिया को लेकर है। बाड़मेर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दो लोगों को भर्ती किया गया। दोनों ही नेगेटिव निकले लेकिन इससे पहले ही किसी ने वायरल कर दिया कि इनमें से एक की मौत हो गई..।

एकदम सफेद झूठ- अफवाह। जिसने सुना उसका दिल कांप गया, क्या यह ठीक है? जिस आपातकाल में हमारी जिम्मेदारी समाज को मजबूत करने की है हम अपनी ओर से लापरवाही और बिना किसी जानकारी के सोशल मीडिया पर अपुष्ट जानकारी वायरल कर समाज के लिए क्या कर रहे हैं?,जरा सोचिए।

भीड़ से दूर रहने की अपील के बावजूद बिना किसी काम के लोग रोजमर्रा की तरह घर से निकल पड़े हैं। न किसी की सुन रहे है न मान रहे है, एेसा क्यों? जरा सोचिए, हमारी यह लापरवाही हमारे परिवार, आस-पड़ौस और हमारे अलावा उन लोगों को खतरे में डाल देगी जो हमें सबसे प्रिय भी हैं, क्या इसके बाद हम अपने आप को माफ कर पाएंगे।

जिस बीमारी का कोई इलाज नहीं हो उसके लिए इतना ही किया जा सकता है कि हम खुद संयमित रहें। यह हमारे संयम की परीक्षा है। प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा महकमा, सरकार और पूरी व्यवस्था सब खतरा मोल लेकर हमारे लिए इससे लड़़ रहे हैं तो फिर हम इस लड़ाई में उनका सहयोग करें।

राष्ट्रवाद को लेकर हर बार हम नारे लगाते रहे हैं लेकिन राष्ट्रवाद को एक साथ निभाने का यही मौका है कि हम सब मिलकर कोरोना को हराएं। कोरोना हारेगा..यदि हम तय कर लें..। ध्यान रहे अफवाह नहीं फैलाएं। सोशल मीडिया पर अनावश्यक टिप्पणियां करने से बचें। अपुष्ट जानकारी देकर भय न फैलाएं..।

Source: Barmer News

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