जोधपुर. दूसरे विश्व युद्ध से लेकर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध तक अपने पराक्रम से दुश्मन के दांत खट्टे करने वाले भारतीय वायुसेना के एयर वाइस मार्शल रहे महावीर चक्र विजेता चंदनसिंह का रविवार को यहां निधन हो गया। उन्होंने रातानाडा में पंचवटी कॉलोनी स्थित अपने निवास स्थान पर अंतिम सांस ली। वे 95 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी, पुत्र व एक पुत्री है। सिंह का रविवार शाम बीजेएस श्मशान घाट में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। वायुसेना की टुकड़ी ने एयर मार्शल सिंह को अंतिम सलामी दी। कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका के चलते शवयात्रा में सिंह के चुनिंदा परिजन व वायुसेना के कुछ अधिकारी ही शामिल हुए।
एयर मार्शल सिंह उन योद्धाओं में शामिल थे, जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध से लेकर देश की आजादी के बाद 1948 के कबायली आक्रमण, 1962 में चीन तथा 1965 व 1971 की भारत-पाक लड़ाइयों में बहादुरी के साथ हिस्सा लिया। असम के जोरहट एयरफोर्स स्टेशन के एओसी रहते हुए ग्रुप केप्टन चंदन सिंह ने 1971 के भारतीय-पाकिस्तान युद्ध में मुश्किल माने जाने वाली ढाका पोस्ट पर रात को अपने हेलीकॉप्टर्स से 3 हजार से अधिक सैनिकों और 40 टन से अधिक हथियार व अन्य उपकरण पहुंचाकर पाकिस्तान की जीती हुई बाजी को पलट दिया था।
मिग-21 उड़ाकर हुए रिटायर
चंदनसिंह के पुत्र सज्जनसिंह के अनुसार फाइटर पायलट के रूप में वायुसेना में भर्ती चंदनसिंह मिग-21 की पहली स्क्वाड्रन में शामिल थे। वे 1980 में रिटायर हुए। उन्होंने वायुसेना के लड़ाकू विमान ही नहीं, मालवाहक व हेलिकॉप्टर्स भी उड़ाए। चंदन सिंह को अति विशिष्ट सेवा मेडल, 1965 की जंग में उल्लेखनीय योगदान के लिए वीर चक्र और 1971 में बांग्लादेश बनाने में अहम भूमिका निभाने पर महावीर चक्र प्रदान किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी व रक्षा मंत्री सिंह ने किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर एयर वाइस मार्शल चंदन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले एक वायु योद्धा को देश ने खो दिया है। राजनाथ सिंह ने इसे अपूरणीय क्षति बताया। भारतीय वायुसेना ने 1962 और 1971 में उनके द्वारा किए गए अविस्मरणीय योगदान को याद किया।
Source: Jodhpur