धोरीमन्ना/बाड़मेर. नर्मदा नहर परियोजना के लिए राज्य सरकार ने 247 करोड़ अतिरिक्त बजट की मंजूरी दी है। इससे जिले में अटके अधूरे कार्यों को पूरा करने को गति मिलेगी। जिले में सर्वे के बाद वर्ष 1999 में नर्मदा नहर का निर्माण शुरू हुआ था जो 2016 तक लगभग पूरा हो गया। इसके बावजूद कई जगहों पर आज भी कार्य अटका हुआ है। इसके चलते किसानों को नर्मदा का मीठा पानी नसीब नहीं हो रहा है। अब सरकार की ओर से बजट मंजूरी के बाद किसानों को उनके हक का पानी मिलने की उम्मीद जगी है।
मंजूर बजट दिसंबर 2019 तक खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इसमें नहर प्रोजेक्ट के बदले गुजरात सरकार को करीब 100 करोड़ खर्च की भरपाई के लिए, नर्मदा मुख्य केनाल के लिए करीब 10 करोड़, सरदार सरोवर रिजर्ववायर कमेटी के करीब 5 करोड़, सुरक्षा दीवार, मिट्टी, रिपेयरिंग, छोटे पुलिया निर्माण पर करीब 60 करोड़ तथा अन्य बजट आरएसीबी, कोन्टेकट्स, को भुगतान के लिए व अन्य मैनेजमेंट के लिए प्रस्तावित है।
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2008 में शुरू हुई सिंचाई
नर्मदा नहर से जिले के गुड़ामालानी, धोरीमन्ना, सेड़वा व चौहटन क्षेत्र के 233 गांवों में सिंचाई के लिए 2000 क्यूसेक व 589 गांवों में पेयजल प्रोजेक्ट के लिए 600 क्यूसेक पानी का प्रावधान है। अभी तक सभी गांवों में पानी नहीं पहुंच पाया है। निर्माण आज भी अधर में है। अब बजट मंजूर होने से गांवों के बाशिंदों व किसानों को आशा जगी है।
फैक्ट फाइल
– अधूरे काम होंगे पूरे
– किसानों को सिंचाई व पीने के लिए पानी की जगी उम्मीदें
– 1999 में शुरू हुआ था काम
-2016 में लगभग पूरा हो गया काम
– 2019 के अंत तक शेष काम पूरा करने का लक्ष्य
-100 करोड़ देंगे गुजरात सरकार को
– 233 गांवों में होगी सिंचाई
-589 गांवों को मिलेगा पेयजल
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-बजट हुआ है मंजूर
राज्य सरकार की ओर से बजट को मंजूरी दी गई है। इसे दिसंबर 2019 तक खर्च किया जाएगा। बजट से बकाया भुगतान किया जाएगा तथा मैनेजमेंट पर भी करीब 60 करोड़ खर्च होगा।- जेपी माथुर, अधिशासी अभियंता, नर्मदा नहर परियोजना
Source: Barmer News