बाड़मेर. देशभर में जहां कोरोना संक्रमण के चलते लोगांे को स्वास्थ्य की चिंता सताए जा रही है तो दूसरी तरफ राज्य में संविदा पर लगे कार्मिकों को महिनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण उनको परिवार पालने की चिंता सताने लगी हैं। सरकार की ओर से समय पर भुगतान नहीं करने व वर्तमान में लाॅकडाउन के चलते समस्या और भी बढ़ गई है।
राजस्थान पंचायत सहायक संघ
बाड़मेर जिले में 1500 के करीब पंचायत सहायक ग्राम पंचायतों में कार्यरत है। इनको मासिक 6000 का मानदेय भुगतान किया जाता है। वर्तमान में जिले के कई ब्लाॅकों में पंचायत सहायकों को लगभग 8 माह से भुगतान नहीं होने के कारण परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। इसके साथ वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भी इन सहायकों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम करवाया जा रहा है। जबकि अन्य विभागों में कार्यरत कार्मिकों को माॅस्क आदि का भुगतान किया गया है।
आंगनवाडी कार्मिक संघ
जिलेभर के आंगनवाडी कार्मिकों को लगभग 8 माह से मानदेय नहीं मिला। इसके अलावा पोषाहार की राशि व भवन किराया भी नहीं मिला। मानदेय व अन्य राशि की मांग को लेकर कार्मिकों ने विभागीय अधिकारियों के साथ, जिला कलक्टर, विधायक व राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद भी इनका भुगतान नहीं हुआ। वर्तमान में लाॅकडाउन के दौरान आंगनबाडी कार्मिकों का परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है।
जिम्मेदार बन रहे अंजान
वर्तमान परिस्थितियों में मानदेय कर्मियों का मानदेय नहीं मिलने के कारण इनके परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की ओर से लापरवाही बरती जा रही है।
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अल्प मानदेय में काम करने वाले कार्मिकों को महिनों से भुगतान नहीं होने के कारण परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल है। सरकार इसकों गंभीरता से लेते हुए तत्काल मानदेय भुगतान कर राहत प्रदान करे।
सांवलसिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष राजस्थान पंचायत सहायक संघ, बाड़मेर
Source: Barmer News