जोधपुर. भीतरी शहर को कुछ दिन पहले सील किया गया। नागौरी गेट, सदर बाजार और सदर कोतवाली थाना क्षेत्र में फिक्स पिकेट्स से ही एंट्री दी जा रही है। हाई रिस्क वाले इन क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे और स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया। जो कई मोहल्लों तक पहुंचा लेकिन हर दरवाजे तक नहीं पहुंच पाया। पत्रिका ने अलग-अलग क्षेत्रों में पड़ताल की तो कुछ बातें सामने आई।
लोकेशन 1 : फतेहसागर क्षेत्र
गऊ घाट क्षेत्र में कुछ दिन पहले टीम आई थी। लेकिन हर घर तक नहीं गई। नाम-पत्ता पूछा लेकिन मशीन से जांच नहीं की। एक अन्य महिला ने बताया शाम को पता चला कि गली में टीम आई, लेकिन उनके घर नहीं आई। नागौरी गेट क्षेत्र में हर घर पर टीम ने दस्तक दी। लेकिन थर्मल स्केनिंग नहीं हुई।
लोकेशन 2 : त्रिपोलिया क्षेत्र
यहां मुख्य बाजार के अतिरिक्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने बताया कि टीम आई थी। लेकिन हर घर तक दस्तक नहीं दी। कुछ लोग जो बाहर मिल गए उनको पूछा, फार्म भरा और चली गई। एक गली में एक या दो घरों तक ही टीम पहुंची। सर्वे ही हुआ वो भी डाटा जुटाने के लिए। ऐसा ही क्षेत्र की अन्य गलियों के लोगों ने भी बताया।
लोकेशन 3 : ब्रह्मपुरी क्षेत्र
भीतरी शहर का भाग ब्रह्मपुरी, जो कई गली-मोहल्लों से मिलकर बना है। बड़ा क्षेत्र होने के कारण कई मोहल्लों में सर्वे टीमें पहुंची हैं और सर्वे कर रही है। कई क्षेत्रों में यह टीमें अभी तक नहीं पहुंच पाई है। क्षेत्र के हजारी चबूतरा, नाला की गली, देरागा, बिचला बास, महालक्ष्मी मोहल्ला आदि क्षेत्रों में सर्वे टीमें नहीं पहुंची है। थर्मल स्क्रीनिंग जैसी व्यवस्था सभी घरों में नहीं हुई है।
लोकेशन : 4 नवचौकिया-फतेहपोल क्षेत्र
नवचौकिया-जूनी मंडी क्षेत्र के बीच दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। यहां गत सप्ताह सर्वे के लिए टीमें आई थी। टीम ने घरों में बुजुर्ग व हाई रिस्क (मधुमेह, उच्च रक्तचाप व अन्य असाध्य रोगियों) के बारे में जानकारी जुटाई। टीम ने यहां एक-एक घर पहुंच सदस्यों के नाम पूछे। किसी प्रकार की स्क्रीनिंग नहीं की। अस्पतालों में बुला कर सर्दी-खांसी व जुकाम के मरीजों की रैंडम सैंपलिंग की गई। दूसरे दिन यहां के अस्पताल में कार्यरत एक चिकित्सक जांच में पॉजिटिव निकला। उसके बाद अस्पताल स्टाफ की सैंपलिंग हुई।
लोकेशन : 5 उम्मेद चौक क्षेत्र
यहां चार-पांच दिन पहले क्षेत्र की हर गली में सर्वे टीम ने दस्तक दी। क्रॉनिक डिजीज के साथ अन्य मापदंड पर सर्वे भी किया। कई गलियों में टीम पहुंची, लेकिन हर घर तक दस्तक यहां भी नहीं दे पाई। जिन लोगों से मिली उनके 60 से अधिक आयु, आईएलआई लक्षण की जानकारी ली, सर्वे फार्म भरा। लेकिन इसके बाद कोई जांच टीमें नहीं आई। इससे 10 दिन भी एक टीम आई थी जिसने आईएलआई लक्षण की जानकारी मौखिक पूछी और चली।
Source: Jodhpur