अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. आपको जानकर हैरानी होगी कि जोधपुर शहर के केंद्र में जालोरी गेट के नजदीक स्थित महात्मा गांधी अस्पताल और पावटा जिला अस्पताल का आउटडोर लगभग बराबर है। जबकि सुविधा और संसाधन के मामले में एमजीएच, पावटा जिला अस्पताल से कई ज्यादा समृद्ध है। इसके बावजूद डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबद्ध इस अस्पताल की तरफ कम मरीज ही रुख कर रहे हैं। वजह यह है कि एमजीएच की अधिकांश यूनिट्स एमडीएम अस्पताल में शिफ्ट हो गई। जबकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीज पहले एमजीएच पहुंचते हैं। यहां कई विभाग व सुपरस्पेशलिएटी सेवाओं के अभाव में उन्हें एमडीएम अस्पताल जाना पड़ रहा है।
हाल ही में जिला कलक्टर के निर्देश के बावजूद महात्मा गांधी अस्पताल के विस्तार का कार्य धीमी रफ्तार से चल रहा है। जबकि इसके लिए अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. अजय मालवीय को संयोजक भी नियुक्त किया जा चुका है। इन दिनों शहर के बड़े व पुराने अस्पताल में शुमार एमजीएच की हालत पावटा जिला अस्पताल के बराबर हो गई है। हालांकि पावटा जिला अस्पताल भी कुछ सालों पहले स्वास्थ्य विभाग से डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन आ चुका है।
गत माह एक दिन के आउटडोर में आए थे 915 मरीज
एमजीएच में गत 1 अगस्त को आउटडोर में 915 मरीज आए थे। इन दिनों मौसमी बीमारियों के कारण अस्पताल में तीन सौ से चार सौ रोगी बढ़ गए हैं। सामान्य दिनों में एमजीएच का आउटडोर 1 हजार के करीब रहता है। इतना ही आउटडोर पावटा जिला अस्पताल का है।
एमजीएच में ये सुविधाएं चाहिए
एमजीएच में मेडिसिन, सर्जरी, ऑथोपेर्डिक,एनेस्थेसिया, रेडियोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन, मेडिकल ऑन्कोलॉजी की सुविधा है। डायलिसिस भी होता है। अब नेफ्रोलॉजिस्ट के अलावा ईएनटी, नेत्र रोग विभाग, स्किन, गेस्ट्रो एंट्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी व पैथोलॉजी जैसी यूनिटें लाकर अस्पताल का विस्तार किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की जरूरत रहेगी। यहां साप्ताहिक कार्डियोलॉजी आउटडोर के अलावा कैथ लैब की भी जरूरत है। ताकि कार्डियोलॉजी की सुपरस्पेशलिएटी सेवाएं शुरू हो सके। इसके अभाव में ह्रदय रोगियों को एमडीएमएच रैफर कर दिया जाता है।
इनका कहना है…
संयोजक नियुक्त होने के बाद मैंने विस्तृत दिशानिर्देश मांगे थे। प्राचार्य ने निर्देश दिए हैं कि जिन विभागों को लाना प्रस्तावित है, उन विभागाध्यक्षों से विस्तृत सुझाव लिए जाएं।
– डॉ. अजय मालवीय, अतिरिक्त प्राचार्य, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
एमजीएच का आउटडोर 12 सौ से 14 सौ से के बीच हंै। नए ओपीडी ब्लॉक बनने के बाद जगह का विस्तार होगा, इसके बाद नए विभागों के आउटडोर खोलेंगे।
– डॉ. महेश भाटी, अधीक्षक, एमजीएच
डॉ. अजय मालवीय को संयोजक बनाया गया है। वे सभी एचओडी से बात कर संभावनाएं तलाशेंगे। अभी कई यूनिट में दो-तीन जने हैं, उनको हटाने से कार्य प्रभावित होगा।
– डॉ. एसएस राठौड़, प्रिंसिपल, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
Source: Jodhpur