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बाड़मेर. कोरोना वायरस संक्रमण के बीच सरकारी माइंस पर स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर कोयले की सुरक्षा में कार्मिक तैनात है। इसके बावजूद उन्हें गत सात माह से वेतन नहीं मिला है। अब सुरक्षाकर्मियों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है। जबकि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि क्वारंटाइन में भी मजदूरों को भुगतान करें। लेकिन यहां ड्यूटी कर रहे सुरक्षाकर्मियों को लंबे समय से सरकारी विभाग वेतन नहीं दे रहा है।
राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) की ओर से संचालित सोनड़ी माइंस से प्रतिमाह 40 हजार टन से ज्यादा कोयले का उत्पादन हो रहा है। यहां कोयले की खदान की सुरक्षा के लिए 15 से अधिक सुरक्षाकर्मी ठेकेदार के माध्यम से तैनात किए गए है। इनको सितम्बर-2019 के बाद वेतन नहीं मिला है। इसके बावजूद भी सुरक्षा गार्ड ड्यूटी कर रहे है।
पूर्व में की थी हड़ताल
सुरक्षाकर्मियों को वेतन नहीं मिलने पर उन्होंने हड़ताल कर आरएसएमएमएल के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मुख्य गेट पर स्थापित कांटा भी बंद करवाया था। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने उन्हें एक माह में वेतन देने का वादा किया था, लेकिन उसके बाद लॉकडाउन हो गया है। इसके बावजूद वेतन नहीं मिला है। सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि वेतन मिला नहीं है, अब रोजी- रोटी का संकट आ गया है।
घर चलाना हुआ मुश्किल
कोयला उत्पादन से प्रतिमाह करोड़ों का राजस्व सरकार का खजाना भर रहा है। लेकिन सुरक्षा गार्ड वेतन को तरस रहे हैं।
– जल्द ही भुगतान होगा
सुरक्षाकर्मियों को वेतन नहीं मिला है, यह बात सही है। तकनीकी समस्या थी। अब एक-दो दिन में भुगतान किया जाएगा।
– गोविंदनाथ आर्य, यूनिट हैड, सोनड़ी माइंस

Source: Barmer News

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