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बाड़मेर. कोरोना में जागरूकता और सावधानी सबसे ज्यादा जरूरी है। अन्य संक्रमित प्रदेश से आए हैं तो जांच जरूरी है। बाड़मेर में कुछ ऐसे भी उदाहरण मिले हैं जिसमें लोग बाहर से आए और खुद ही अपनी कोरोना जांच के लिए अस्पताल पहुंचे। ये लोग बाड़मेर जिले के गांवों से हैं। ऐसे लोगों के कारण ही कोरोना वायरस को हराया जा सकता है। ये लोग समाज और देश के लिए एक मिसाल से कम नहीं हैं।

सनावड़ा से आया था युवक

बाड़मेर के सनावड़ा का एक युवक पिछले दिनों खुद अस्पताल पहुंचा। यह अपने काम से ऐसे प्रदेश रहता था, जहां पहले से संक्रमण फैला था। उसने अपनी पूरी ट्रेवल हिस्ट्री बताई और अपनी जांच करवाने के लिए कहा। हालांकि इसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे लोगों के अस्पताल पहुंचने में उनके परिजन और गांव के लोगों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। जो संदिग्ध लगने वाले व्यक्ति को जांच के लिए प्रेरित करते हैं।

लॉकडाउन के बीच आया था गांव

यह व्यक्ति महाराष्ट्र में काम करता था। लॉकडाउन के बीच गांव पहुंच गया। यहां आया तो गांव के लोगों ने भी जांच करवाने का कहा। परिजनों ने भी कहा, जांच तो होनी ही चाहिए। फिर अपने परिचितों के साथ बाड़मेर अस्पताल आया। यहां नमूना लेकर जांच करवाई गई। उसका भी नमूना नेगेटिव आया।

आए हैं ऐसे लोग अस्पताल

अस्पताल में पिछले दिनों दो युवकों ने अपनी मर्जी और गांव वालों व परिजनों के प्रेरित करने पर अस्पताल आकर जांंच करवाई है। संक्रमित क्षेत्र से आने वाले लोगों को अपनी जांच करवानी चाहिए। बाड़मेर में पिछले दिनों बायतु व सनावड़ा से आए दो युवकों ने खुद ही अपनी जांच करवाई। इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।

डॉॅ. बीएल मंसूरिया, पीएमओ राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर

Source: Barmer News

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