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दिलीप दवे
बाड़मेर.लॉकडाउन के चलते परिवार के साथ खेतों में लॉक किसान खेत से ही फसल को लाइव बता बचाव के उपाय पूछ रहे हैं। यह स्थिति उस सीमांत बाड़मेर में है, जहां का किसान कम पढ़ा-लिखा है, लेकिन आपदा संकट में उसने मोबाइल का प्रयोग सीख लिया है, जिसके मार्फत वह कृषि विशेषज्ञों से वीडियो कॉल कर अपनी मेहनत को बचा रहा है। पिछले एक माह में करीब पन्द्रह सौ किसानों ने खेत से वीडियो कॉलिंग कर फसल में लगी बीमारी को बता अपनी फसल को बचाया, वहीं करीब चार हजार किसानों ने विभिन्न ग्रुपों में जानकारी शेयर की या पूछी, जिससे कि लॉकडाउन में वे कृषि अधिकारियों को इंतजार किए बिना फसल को मौसमी बीमारी, कीड़े व किट से बचा सके।
बाड़मेर का किसान भी अब उन्नत तकनीक अपनाने के साथ सोशल मीडिया का उपयोग करना सीख रहा है। कम साक्षर या अनपढ़ होने के बावजूद उसने एन्ड्रोयड फोन का उपयोग करना सीखा और संकट की इस घड़ी में वह कृषि विभाग के अधिकारियों व कृषि वैज्ञानिकों से वीडियो कॉल कर रहा है। स्थिति यह है कि खेत में पहुंचते ही फसल के पत्ते पीले पड़े दिखे या फिर कीड़ा नजर आया, किट-पतंग हो या फिर खरपतवार की जानकारी वह सीधे वीडिया कॉलिंग कर अधिकारियों को इसकी लाइव जानकारी दे रहा है। अधिकारी भी खुश है कि उनको ज्यादा पूछने की जरूरत नहीं होती कि किस फसल में कौनसी बीमारी है, उन्हें बस वीडियो से देखना मात्र होता है और हाथोंहाथ उपाय बता देते हैं। पिछले एक माह में करीब पन्द्रह सौ किसानों ने वीडियो कॉल से फसलों को बचाव के उपाय पूछ इसे अपना अपनी मेहनत को बचाया है।
विभिन्न ग्रुपों में भी शेयर हो रही सूचना- इतना ही नहीं कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषि विभाग, किसान भाइयों के कई सोशल मीडिया ग्रुप भी बने हुए हैं। इसमें भी किसान अपनी फसल के वीडियो, फोटो डालकर किसानों व कृषि अधिकारियों से जानकारी ले रहे हैं। क्योंकि हर किसान को वीडिया कॉल नहीं आती, लेकिन फोटो शेयर करना उसके लिए आसान भी होता है।
लिखने का झंझट छूटा, बोल कर चल रहा काम- एन्ड्रोइड मोबाइल का उपयोग करना सीख चुके निरक्षर किसान भी बिना लिखे मोबाइल में स्पीकर पर बोल कर अपनी बात गु्रप में डाल रहे हैं, जिससे उनकी जानकारी भी सही ग्रुप में जा रही है और उपाय भी हाथोंहाथ मिल जाते हैं।
युवाओं के साथ बुजुर्ग किसान भी सक्रिय- मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग में जहां युवा किसानों की तादाद ज्यादा है, वहीं बुजुर्ग किसान भी पीछे नहीं है। कई जने इसका बखुबी उपयोग कर रहे हैं। इधर, अधिकारी भी खुश है कि लॉकडाउन में उन्हें घर बैठे इस बात की चिंता नहीं है कि कहीं किसानों की मेहनत पर बीमारी या कीड़े लगने से पानी तो नहीं फिर रहा।
सीधे खेत से करते कॉल- पहले जहां यह नहीं समझा पाते थे कि फसल में क्या बीमारी है, वहां अब सीधे खेत से वीडियो कॉल करके खड़ी फसल को बता रहे हैं, जिससे फायदा मिल रहा है। लॉकडाउन में मोबाइल से जानकारी ले रहे हैं।- हेमराज गोदारा, गांधव
हम जानकारी लेकर करते शेयर- हमने ग्रुप बना रखे हैं, जिसमें कोई भी किसानों की समस्या होती है वह आती है। उसको अधिकारियों से बात कर बताते हैं और फिर उसकी जानकारी वापिस गु्रप में डालते हैं।-नरपतसिंह कांखी, प्रगतिशील किसान
वीडियो कॉल ज्यादा आ रहे- अभी लॉकडाउन होने से किसान हम तक नहीं पहुंच रहे। वहीं, हम भी ज्यादा आवाजाही नहीं कर रहे। ऐसे में किसान अपनी समस्याएं वीडियो कॉल से बता रहे हैं। इससे हमें भी आसानी रहती है और समझ में आ जाता है कि फसल में क्या बीमारी है और किसानों को भी दिक्कत नहीं होती। करीब पन्द्रह सौ वीडियो कॉल इस एक माह में आई है। – प्रदीप पगारिया कृषि वैज्ञानिक

Source: Barmer News

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