Posted on

नंदकिशोर सारस्वत/जोधपुर. करीब 22 साल पहले बहुचर्चित सलमान खान वन्यजीव शिकार प्रकरण के बाद भी वन्यजीवों के शिकार में कोई कमी नहीं आई है। अब कोरोना लॉकडाउन में भी शिकारियों और वनविभाग के बीच एक माह से लुकाछिपी का खेल जारी है। वन्यजीवों के शिकार की दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले जोधपुर वन्यजीव मंडल में लॉक डाउन के बाद लगातार शिकार के मामले सामने आते जा रहे है। प्रदेश में 40 और जोधपुर वन मुख्यालय के अधीन क्षेत्रों में विगत 24 घंटों में 8 से अधिक वन्यजीव शिकार की घटनाएं हो चुकी है। वर्ष 2001 से 2020 तक वन्यजीव अपराध के एक हजार से अधिक मामले वनविभाग में दर्ज हुए।

गर्भवती चिंकारे का किया शिकार
जिले के बावड़ी पंचायत समिति के डांवरा गांव की मेवासा सरहद स्थित हिंगोणिया नाडा के पास सोमवार देर रात गर्भवती हरिण का शिकार के बाद पकड़े गए एक आरोपी के पास से बंदूक, छर्रे, कुल्हाड़ी व शिकार में प्रयुक्त सामग्री बरामद की गई है। ग्रामीणों की सूचना पर खेड़ापा पुलिस और वन विभाग वन्यजीव उडऩ दस्ता मौके पर पहुंचा। शिकार होने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बड़ी संख्या में विश्नोई समाज के घटना स्थल पर पहुंचे और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए विरोध जताया।

समाज के लोगों ने शिकार की घटना में संलिप्त तीन अन्य आरोपियों को पकडऩे और मृत चिंकारे का मौके पर ही पोस्टमार्टम करने की मांग करने लगे। इस बीच उपवन संरक्षक वन्यजीव महेश चौधरी व क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोकाराम पंवार ने ग्रामीणों से समझाइश कर मामला शांत कराया। आखिरकार तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित करने के बाद डॉ. श्रवणसिंह राठौड़, डॉ. पंकज गोयल व डॉ. वीडी स्वामी ने चिंकारे का पोस्टमार्टम कर गर्भवती के पेट से मृत बच्चा व बंदूक के छर्रे बाहर निकाले।

शिकार की सूचना मिलने पर विश्नोई टाइगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लॉकडाउन में लगातार शिकार की घटनाओं पर आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने बताया पिछले कई दिनों से रात्रि को वाहनों की आवाजाही और फायर की आवाजें आती रही है। ऐसे में ग्रामीणों ने जब सोमवार देर रात पटाखों जैसी आवाज होने पर कैम्पर गाड़ी को आते देखा जिसमें एक को पकड़ लिया, लेकिन बाकी तीन अंधेरे में फरार हो गए।

Source: Jodhpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *