जोधपुर. मैं कोरोना पॉजिटिव हूं। मेरे पति पॉजिटिव हैं, उनके पास सुबह महात्मा गांधी अस्पताल में शिफ्ट होने के लिए दस चक्कर लगाने पड़े। मेरे और मेरे पति में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद कोई लक्षण नहीं होने पर हमें गुरुवार शाम को बोरानाडा में पूर्व में संचालित निजी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया। सुबह से रात तक न मेरी जांच हुई और ना दवाइयां दी गई।
रात को दस बज गए, डायबिटीज की मरीज हूं और अभी तक भूखी हूं। यहां छोटे-छोटे बच्चे हैं। दूध पीने के लिए बिलख रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी आप इस शहर के हैं और आपने खूब बजट दिया है। उसके बावजूद यहां अव्यवस्थाएं हैं। जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें आप निलंबित कर दीजिए। ये कहना है कोरोना पॉजिटिव व एक शिक्षक नेता का। मोहनपुरा पुलिया निवासी महिला शिक्षक नेता ने रात दस बजे वीडियो वायरल किया।
उन्होंने कहा कि सुबह उनका कोई एक्सरे नहीं हुआ। जबकि उनके पति भी पॉजिटिव है, कोई लक्षण नहीं हंै। उनका एक्सरे भी हुआ। उनके पांव में फ्रेक्चर है। तीन मंजिल पैदल चढ़ी। उनके पांव दुखने लग गए। यहां प्रशासन ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है। यहां न तो आते ही चाय की व्यवस्था हुई और ना हीं खाने की।
इतने लोग सरकार को पैसे दे रहे हैं। आखिर व्यवस्थाएं ढंग से संचालित क्यों नहीं हो रही है। उल्लेखनीय हैँ कि क्वॉरेंटाइन सेंटर व कोविड-19 सेंटर पर कई मरीज व उनके परिजन अव्यवस्थाओं से आहत होकर वीडियो वायरल कर रहे है, उसके बावजूद ढर्रा नहीं सुधर रहा है।
Source: Jodhpur