जोधपुर. जोधपुर व जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन का क्वारेंटीन कैंप सोमवार को कोरोना मुक्त हो गया। यहां ईरान से एयरलिफ्ट करके लाए गए 1036 भारतीयों में से 61 जने कोरोना की चपेट में आए थे। अधिकांश का एम्स जोधपुर में इलाज चला।
सोमवार शाम को अंतिम 4 रोगी स्वस्थ होकर क्वारेंटीन कैंप लौटे। दोनों ही कैंप में वर्तमान में करीब 269 जने बचे हैं। जोधपुर कैंप के अधिकांश भारतीय कारगिल और जैसलमेर कैंप के श्रीनगर के रहने वाले हैं। इनको दो-तीन दिन में ही भारतीय वायुसेना के विशेष विमान आईएल-76 से कारगिल व श्रीनगर भेजा जाएगा। इसी के साथ क्वारेंटीन कैंप खाली हो जाएंगे।
जोधपुर व जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में क्रमश: 552 व 484 भारतीयों को 15 मार्च से विभिन्न्न बैच में लाया गया था। इनमें पहला कोरोना रोगी करीब एक महीने पहले 30 मार्च को सामने आया। उसके बाद एक-एक करके 61 जनों में कोरोना मिला। अधिकांश बुजुर्ग थे और इनमें कोरोना वायरस के लक्षण भी बहुत कम थे।
सेना 765 को भेज चुकी है अपने घर
जोधपुर व जैसलमेर क्वारेंटीन कैंप में पिछले पचास दिन में 1036 भारतीयों में से 765 को उनके घर भेजा जा चुका है। जोधपुर से 485 जने लेह, 9 दिल्ली, 14 गया, 7 हरिद्वार और 18 जने बेंगलुरू भेजे गए। जैसलमेर कैंप से 232 लोग श्रीनगर स्थित उनके घर भेजे गए।
2 महिलाओं की हो गई मौत
जोधपुर कैंप की दो महिलाओं की दो दिन पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसमें से एक कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव होकर एम्स से कैंप आ चुकी थी, जबकि दूसरी में संक्रमण नहीं था। एम्स ने दोनों की मौत के बाद कोरोना जांच के लिए उनका सैंपल लिया था, जिसकी रिपोर्ट आनी शेष है।
Source: Jodhpur