अमित दवे/जोधपुर. मॉडिफ ाइड लॉकडाउन में जीरा मंडी सहित अन्य कृषि उपज मंडियों में किसानों को कृषि जिंसों की बिक्री के लिए कारोबार की छूट मिली थी। प्रदेश के सबसे बड़ी जीरा मंडी रौनक लौटी और व्यापार शुरू हुआ। लेकिन राज्य सरकार ने व्यापारियों पर मंडी टेक्स के अलावा दो प्रतिशत किसान कल्याण कोष के रूप में नया कर थोप दिया। सरकार की इस घोषणा से जीरा मंडी में पटरी पर लौट रहे व्यापार पर ब्रेक लग गया। इससे व्यापारियों ने बुधवार से जीरा मंडी में व्यापार बंद करने की घोषणा का दी। इससे जीरा मंडी बंद व किसी प्रकार का व्यापार कार्य नहीं हुआ।
जीरा मंडी में कृषि जिंसों की आवक 5 मई तक
कृषि जिंस– आवक क्ंिवटल में
जीरा– 9527
ईसबगोल — 4496
सरसो — 1496
चना — 612
मूंग — 42
अरण्डी–35
चौपट हो रहा व्यापार
सरकार के इस फरमान से मंडियों में व्यापार चौपट हो रहा है। इससे यहां का व्यापार पड़ौसी राज्यों में पलायन कर जाएगा।
-पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष, जोधपुर जीरा मंडी व्यापार संघ
खरीद केंद्रों पर किसानों को आंवटन धीमा
मथानिया. राजफैड द्वारा समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर टोकन धारी किसानों को आवंटन बहुत कम करने से किसानों में रोष व्याप्त है। जिसके चलते खरीद केन्द्रों पर खरीद की गति धीमी है। भारतीय किसान संघ के नेता विनोद डागा ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों को अपनी उपज का समर्थन मूल्य शीघ्र व नजदीक देने के लिए खरीद केन्द्रों की संख्या में तीन से चार गुणा बढ़ोतरी की है। पहली बार ग्राम सेवा सहकारी समितयों पर खरीद केन्द्र स्थापित किए गए है। लेकिन राजफैड की धीमी गति के चलते टोकन धारी किसानों को खरीद केन्द्रों पर बहुत कम आवंटन किया जा रहा है। ऐसे में हजारों की संख्या में टोकन धारी किसानों का तुलवाई का नंबर कब आएगा।
Source: Jodhpur