बाड़मेर.. कोरोना से निपटने के लिए यह बेहद जरूरी है कि प्रवासी होम क्वॉरंटीन रहें। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाए। ऐसे व्यक्ति जो अन्य स्थानों पर है, उनसे आग्रह है कि अनावश्यक रूप से बिना अनुमति के बाहर नहीं निकले।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि बाड़मेर जिले के करीब 56 हजार लोग अन्य प्रदेशों में काम करते हैं। इनमें से साढ़े पच्चीस हजार लोग जिले में आ चुके है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में आवागमन को रोका नहीं गया है। हालांकि कुछ हद तक नियंत्रित किया गया है। जिन लोगों को 6 मई तक अनुमति पत्र जारी किए गए हैं, उनके आवागमन पर किसी तरह की रोक नहीं है। मौजूदा समय में अनुमति पत्र जारी करने की गाइड लाइन में कुछ बदलाव किया गया है। लेकिन जरूरतमंद एवं पात्रता रखने वाले व्यक्तियों को अनुमति पत्र जारी किए जा रहे है।
जोधपुर से प्रस्तावित रेल से भेजने की योजना
जिला कलक्टर ने बताया कि बाड़मेर जिले से 1675 बिहार के श्रमिकों को चिन्हित किया गया था। इसमें से 1200 को रविवार को विशेष रेलगाड़ी से भेजा गया है। जबकि अन्य 475 श्रमिकों तथा बालोतरा क्षेत्र में चिन्हित किए गए झारखंड के 260 श्रमिकों को आगामी दिनों में जोधपुर से प्रस्तावित विशेष रेलगाड़ी के माध्यम से उनके घर भेजने की कार्य योजना पर काम चल रहा है।
प्रवासी जहां हैं, वहीं रुक जाएं
जिला कलक्टर ने प्रवासियों से अनुरोध किया है कि वे जिस स्थान पर ठहरे हुए हैं, राज्य एवं केन्द्र सरकार के आगामी निर्देशों तक वहीं रुके रहे। उन्होंने बाड़मेर में आए प्रवासियों से 14 दिन के होम क्वॉरंटीन की पालना करने की अपील की है। पालना नहीं करने वालों को संस्थागत क्वॉरंटीन भेजने की हिदायत दी है।
Source: Barmer News