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बाड़मेर. कोविड-19 महामारी की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन के चलते बाड़मेर में फंसे 1200 श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से रविवार को बिहार के लिए रवाना किया गया। अलग-अलग कंपनियों में काम करने वाले मजदूर काफी दिनों से घर जाने का इंतजार कर रहे थे। लंबे समय के प्रयासों के बाद घर तक पहुंचाने के लिए सरकार ने विशेष ट्रेन भेजने की स्वीकृति जारी की थी। रेलवे स्टेशन पर दोपहर 12.10 बजे जैसे ही ट्रेन रवाना हुई तो घर जाने की खुशी में कई श्रमिकों की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।
बाड़मेर उपखण्ड क्षेत्र के करीब 500 श्रमिक सुबह 4 बजे आदर्श स्टेडियम पहुंचने शुरू हुए। जहां चिकित्सा विभाग की 3 टीमों ने चिकित्सकीय जांच कर रेलवे स्टेशन भेजा गया। स्टेशन पर भी उनकी जांच की गई। इसके अलावा अन्य उपखण्ड क्षेत्र के श्रमिकों को जांच के बाद बसों के जरिए स्टेशन पहुंचाया गया। सुबह 5 बजे से रेलवे स्टेशन के बाहर मजदूरों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया।
प्रत्येक श्रमिक का बना था टोकन
पंजीकृत श्रमिकों के ट्रेन तक पहुंचने के लिए एक निर्धारित फार्मेट में जिला प्रशासन ने टोकन जारी किया। चिकित्सा विभाग की जांच के बाद रेलवे प्रशासन की टिकट वेरिफाई किया। टोकन पर कोच व टिकट नंबर भी आवंटित किए गए।
सोशल डिस्टेंस के लिए बनाए थे घेरे
स्टेशन के बाहर सोशल डिस्टेंस रखने के लिए नगर परिषद ने शनिवार रात को निर्धारित दूरी पर गोल घेरे बनाए थे। जिससे श्रमिक एक-दूसरे से दूरी बनाकर खड़े रहे। श्रमिकों की जांच के बाद अंहिसा सर्कल पर सड़क मार्ग डायवर्ट कर रखा था। इस दौरान लंबी-लंबी कतारें लग गई। इसके अलावा भोजन, सेनेटाइजर एवं मास्क मुहैया कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए।
श्रमिकों की टिकटों की राशि का भुगतान जिला प्रशासन व संबंधित कंपनियों के ठेकेदारों की ओर से किया गया। वहीं विशेष रेलगाड़ी की रवानगी से पहले रेलवे स्टेशन एवं प्लेटफार्म को सेनेटाइज किया गया।
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एक साथ ट्रेन से 1200 श्रमिकों का भेजना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सभी अधिकारियों ने टीम भावना से काम करते हुए मुस्तैद रहे। सभी के सहयोग से ट्रेन सुरक्षित रवाना हुई।
– विश्राम मीणा, जिला कलक्टर, बाड़मेर

Source: Barmer News

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