वीडियो : ओम टेलर/जोधपुर. पूना से रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर मंगलवार शाम 4:50 पर पहुंची थी। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉम पर रूकी। एक-एक कर यात्रियों को जिलावार नीचे उतारा गया। इस दौरान किसी की आंखों में खुशी के आंसू छलक गए तो किसी ने धरती चूम घर आने की खुशी का इजहार किया। कई यात्रियों ने केन्द्र व राज्य सरकार का धन्यवाद दिया।
इस दौरान रेलवे स्टेशन पर पुलिस, प्रशासनिक व चिकित्साकर्मियों की टीमें अलर्ट रही। जिलावार यात्रियों को उतारा गया। लाइन बनाकर उनकी तीन चरणों में जांच की गई। निगम की टीम ने यात्रियों व उनके सामान को सेनेटाइज किया तो चिकित्साकर्मियों ने स्क्रीनिंग और प्रशासनिक टीम ने उनके नाम पते नोट किए।
पहले इस टे्रन से 1200 यात्री आने थे जो बाद में बढ़कर 1484 हो गए। इनमें 1326 यात्री व्यस्क व शेष बच्चे थे। आवश्यक कार्रवाई के बाद यात्रियों को बसों में बिठाकर उनके गृह जिले के लिए रवाना किया गया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में प्लेटफॉर्म पर पुलिस, आरपीएफ के जवान तैनात नजर आए।
साढ़े तीन घंटे देरी से पहुंची ट्रेन
पूना से रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार दोपहर 1:15 पर भगत की कोठी पहुंचनी थी लेकिन किसी कारण से ट्रेन करीब साढ़े तीन घंटे (4:50 मिनट) देरी से पहुंची। जिससे पुलिस, प्रशासनिक व चिकित्साकर्मियों को परेशानी को परेशानी का सामना करना पड़ा।
दिए मास्क, भोजन व बिस्किट
यात्रियों को निगम की ओर से भोजन पैकेट दिए गए। इसके साथ ही जिन यात्रियों के मुंह पर मास्क नहीं लगे हुए थे उन्हें मास्क दिए गए। गोपालकृष्ण सेवा समिति के तेजाराम मंत्री, श्यामसुंदर जागड़ा, रोहनसिंह चौहान, कमल भाटी आदि ने यात्रियों में बिस्किट व फल वितरित किए।
37 बसों से किया रवाना
जोधपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक बीआर बेड़ा ने बताया कि 37 बसों से 1484 यात्रियों को भेजा गया। सबसे पहले जोधपुर जिले के यात्रियों को उतारा तथा उन्हें छह बसों से क्वारंटीन सेंटर भेजा गया। उसके बाद 31 बसों से जैसलमेर, पाली, नागौर, बीकानेर, जालोर, बाड़मेर, करौली, भरतपुर, सीकर, राजसमंद, जयपुर, उदयपुर व सिरोही जिलो के यात्रियों को उनके गृह जिले तक छोड़ा गया।
जो राजी खुशी हमें घर पहुंचा दिया
लॉक डाउन के कारण घर में ही रहना पड़ रहा है। बच्चों के लिए दूध लाने एवं खाने-पीने का सामान लाने के लिए भी शुरू-शुरू में बाहर निकलने में डर लग रहा था। लेकिन बाद में स्थिति में सुधार हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धन्यवाद जो उन्होंने हमारे लिए ट्रेन की व्यवस्था की। जिससे आज हम अपने घर तक पहुंच रहे है। नहीं न जाने कोरोना हमारा किया हाल करता।
सरकार का धन्यवाद
पति पूना में कारपेंटर का काम करते हैं। दो लॉक डाउन में खाने-पीने की वस्तुएं लाने में शुरू-शुरू में परेशानी हुई बाद में सरकार ने अच्छी व्यवस्था कर दी। धन्यवाद मुख्यमंत्री का जो हमें घर पहुंचा दिया।
– अल्का पालीवाल, फलौदी
यात्रा के दौरान नहीं आई कोई परेशानी
यात्रा के दौरान किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। ट्रेन में भोजन भी दिया गया। शुक्रगुजार है सरकार का जिन्होंने हमें घर पहुंचा दिया।
-टीमूदेवी, चौमू
दो माह से कर रहा था घर आने का इन्तजार
पूना में ही तीनों भाईयों की फैमेली है। लॉकडाउन में घर नहीं आ सके तो गांव में चिंता करने लगे। दो माह से घर आने का इन्तजार कर रहे थे अब जाकर घर की चौखट के दर्शन होंगे।
– सूरजमल पालीवाल, लोहड़ी तेजगिरा
मैंने तो आस ही छोड़ दी थी
मैंने तो आस ही छोड़ दी कि घर भी पहुंच सकूंगा। यही सोच कर बैठ गया था कि लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है। जैसे-तैसे दिन गुजार लेते हैं। जब स्थिति सामान्य होगी तब ही घर जा पाएंगे।
– भगवानसिंह, सिरोड़ी
Source: Jodhpur