Posted on

अमित दवे/जोधपुर. देश में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) 2005 लागू हुए 14 वर्ष पूरे हो चूके हैं। कई आरटीआई एक्टिविस्ट इसमें जुटे हैं। इन्हीं में से एक है भभूतराम विश्नोई, जिन्होंने देश सेवा के लिये दूरदराज सीमाओं पर तैनात रह कर कार्य किया। अब सेवानिवृति के बाद सेवानिवृत आरएसी के जवानों को आरटीआइ से उनके हक की जीपीएफ व राज्य बीमा की बकाया राशि का भुगतान का कार्य कर रहे हैं।

स्वयं को कम मिला भुगतान, तो लिया आरटीआइ का सहारा
सेवानिवृति के बाद विश्नोई ने अपने जीपीएफ व राज्य बीमा पॉलिसी की आरटीआइ के तहत जांच करवाई तब उनको सेवानिवृति पर कम भुगतान की जानकारी मिली। इस पर उन्होंने जीपीएफ विभाग जोधपुर में बकाया राशि का दावा प्रस्तुत कर अपना भुगतान प्राप्त किया। इसके बाद इनको ज्ञात हुआ कि प्रदेश में सेवानिवृत्त आरएसी जवानों की लगभग यही स्थिति है। तब उन्होंने आरएसी की 40 वर्ष की सेवा में उनके साथ रहे राजस्थान के 350 से भी ज्यादा सेवानिवृत्त आरएसी के जवानों से सम्पर्क करके उनके सेवानिवृत जिला कार्यालयों में आरटीआइ लगवाकर जीपीएफ व राज्य बीमा के दस्तावेज प्राप्त करके जांच की। तब उन्हें आश्चर्य हुआ कि करीब 95 प्रतिशत आरएसी के सेवानिवृत जवानों कों जीपीएफ में कम भुगतान मिला।

मिशन बनाकर लोगों को दिला रहे हक
वर्ष 1975 में छठी बटालियन आरएसी जोधपुर में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त विश्नोई ने 40 वर्ष के सेवाकाल में कई जगहों पर सेवा दी। राष्ट्रपति से पुलिस पदक से सम्मानित विश्नोई वर्ष 2015 में प्लाटून कमाण्डर के पद से सेवानिवृत हुए।

Source: Jodhpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *