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अविनाश केवलिया/जोधपुर. प्रदेश में कई शहरों में कोरोना संक्रमित मरीजों को अब होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। इसलिए घरों से निकलने वाला सीवरेज का पानी व अन्य अपशिष्ट से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। जमीन के नीचे सीवरेज लाइनों के जरिये यह खतरा लगातार बह रहा है, लेकिन सरकार की ओर से इससे बचाव के लिए अब तक कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है।

जोधपुर में परकोटा शहर पूरा सील है। यहां कई संक्रमित मरीज होम आइसोलेट है। ऐसे में यहां से निकलने वाला सीवरेज का पानी व अपशिष्ट मुख्य लाइन से होकर के पानी में मिल जाते हैं। बीते कुछ दिनों में सीवरेज लाइन चॉक होने पर जब मशीन व मैन पावर के जरिये इन लाइनों को दुरुस्त करने की योजना बनाई तो यह परेशानी सामने आई। कई कार्मिकों ने प्रथम दृष्टया तो संक्रमण के डर से सीवरेज लाइन में उतरने से ही इनकार कर दिया।

संक्रमित नहीं, इसलिए गाइड लाइन भी नहीं
अभी तक सीवरेज लाइन या इसी प्रकार की सफाई करने वाले कार्मिक को इस वजह से संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। इसीलिए सरकार की ओर से किसी प्रकार की गाइड लाइन भी नहीं बनी है। लेकिन कोरोना का असर लम्बे समय तक रहेगा और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेट करने की वजह से खतरा भी बना हुआ है।

अब पीपीई किट से बचाव
पिछले कुछ दिन में सीवरेज लाइन ठीक करने के लिए हौद में उतरने वाले कार्मिकों को पीपीई किट जोधपुर नगर निगम की ओर से उपलब्ध करवाए गए। इसके बाद उन्हें मुख्य लाइन के ट्रंक में उतारा गया।

इनका कहना है…
सीवरेज लाइन में वह पानी भी आकर मिलता है जहां संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेट किया है। इसलिए सावधानी के लिए कार्मिकों को पीपीई किट पहनाकर ही सीवरेज लाइन में उतारा जा रहा है।
– सम्पत मेघवाल, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम जोधपुर

Source: Jodhpur

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