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अमित दवे/जोधपुर. लॉकडाउन लागू होने के कृषि विभाग व कृषि उपज मंडी समिति को भी आवश्यक सेवाओं में माना, इसलिए ये कार्यालय शुरू से ही खुले रहे। लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम का कांसेप्ट इन विभागों में भी लागू किया गया। लॉकडाउन के पहले चरण में एक तिहाई, दूसरे में आधे तथा तीसरे-चौथे चरण में अब तीन चौथाई कर्मचारी कार्यालय व शेष वर्क फ्रॉम में हैं।

वर्तमान में 75 प्रतिशत कर्मचारी आ रहे कार्यालय
कृषि विभाग उप निदेशक व अतिरिक्त निदेशक कार्यालय में कुल 106 कर्मचारी हैं। इनमें 68 सुपरवाइजर व 10 सहायक कृषि अधिकारी हैं, जो जरुरत अनुसार फील्ड में काम करने के बाद घर से ही काम कर रहे हैं। शेष 28 कर्मचारियों में से 18 उप निदेशक व 10 अतिरिक्त निदेशक कर्मचारी है। इनमें शुरू में 8-9 कर्मचारी आते थे, लॉकडाउन के दूसरे-तीसरे चरण में 14-15 व वर्तमान में 21-22 कर्मचारी कार्यालय आ रहे हैं, शेष घर से ही काम कर रहे है। विभाग के उप निदेशक वीएस सोलंकी के अनुसार, लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम से कामकाज में परेशानी नहीं है।

कृषि उपज मंडी समिति में आधे कर्मचारी
कृषि उपज मंडी समिति सचिव सुरेन्द्रसिंह ने बताया कि ऑफिस में 7 कर्मचारी हैं। इनमें आधे कर्मचारी यानि करीब 3-4 घर से ही काम करते थे, इनमें आवंटन, संस्थापन, कोर्ट से संबंधित कार्यो की रिपोर्ट व अन्य कार्य घर से ही कर रहे थे। इस दौरान कामकाज पर असर नहीं पड़ा।

युवाओं का कृषि से बढ़ेगा जुड़ाव
पंचायत समिति लूणी के पूर्व प्रधान व भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री शैलाराम सारण ने कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज से ग्रामीण युवाओं का कृषि व पशुपालन में जुड़ाव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस संकटकाल में बड़े-बड़े उद्योग और इकाइयां लॉकडाउन में बंद हो गई। पैकेज से पशुपालन, कृषि और खेती पर आधारित लघु-कुटीर उद्योगों को मजबूती मिलेगी।

Source: Jodhpur

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