जोधपुर. रियासतकालीन अभेद्य व देश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार जोधपुर केन्द्रीय कारागृह भी भीषण महामारी कोरोना वायरस के संशय से घिरी हुई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के दौरान यहां दो दर्जन से अधिक आइएलआइ ( खांसी व जुकाम) के मरीज सामने आए। इसके अलावा अंदर 60 वृद्ध व क्रॉनिक डिजीज के मरीज तक है।
जयपुर के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल में कोरोना न फैले, इसी आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग गुरुवार को यहां कैदियों के नमूने लेगा। इसके अलावा यहां कुछेक स्टाफ गर्भवती भी हैं। बता दें कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जयपुर जेल में कोरोना फैलने के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल से भी आइएलआइ मरीजों, क्रॉनिक डिजीज व बुजुर्गों की जानकारी मांगी थी। संभव हैं कि गुरुवार को इन सभी की जांच होगी।
जेल में 60 से 80 साल तक के वृद्ध
जोधपुर केन्द्रीय कारागृह में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 60 से 80 वर्ष तक के बुजुर्गों के सैंपल लेगा। इनमें से कइयों के सैंपल वृद्ध होने के नाते तो कइयों को क्रॉनिक डिजीज यानी के लाइफ टाइम तक चलने वाली बीमारी के कारण सैंपल लिया जाएगा। जेल में कई बंदी उच्च रक्तचाप, मधुमेह व श्वास में तकलीफ जैसी बीमारी से ग्रसित है। किसी को पूर्व में टीबी सहित अन्य बीमारियां हो चुकी है। इस कारण ये रोगी रिस्क पर हैं।
इनका कहना हैं…
इन सभी की सैंपलिंग की जाएगी। इसके लिए डायरेक्शन भी जारी हुए हैं।
– डॉ. सुनील कुमार बिष्ट, उपनिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं और जिला कोविड-19 जिला प्रभारी
Source: Jodhpur