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गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. छुट्टी और प्रशिक्षण के लिए गए सेना के जवानों को स्पेशल ट्रेन से बुलाकर ड्यूटी ज्वाइन कराने को छोड़ दें तो सेना अभी भी लॉक डाउन-1 से ही गुजर रही है। आर्मी, एयरफोर्स और नेवी तीनों ने ही किसी भी तरह की गतिविधि की इजाजत नहीं दी है। जोधपुर मिलिट्री स्टेशन और एयरफोर्स स्टेशन में अभी भी केवल 10 फ़ीसदी जवानों और अधिकारियों से काम लिया जा रहा है। मिलिट्री स्टेशन के बाहर क्वार्टर्स में रह रहे अधिकांश सैनिकों को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। संभवत: 1 जून के बाद केंद्र सरकार सैन्य छावनियों में रियायतों पर कोई फैसला करेगी।

जोधपुर मिलिट्री स्टेशन में करीब 5 हज़ार जवान और अधिकारी हैं। अभी अधिकांश यूनिट्स में 2-4 जवानों से ही काम लिया जा रहा है। मिलिट्री स्टेशन में रहने वाले सिंगल जवान ही अधिकांश ड्यूटी कर रहे हैं। परिवार के साथ क्वार्टर में रहने वालों को घरों में रखा जा रहा है। छुट्टी व ट्रेनिंग के लिए गए जवानों को केवल स्पेशल ट्रेन व स्वयं के वाहन से ही लौटने की इजाजत है। आर्मी ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं।

2 महीने से बंद है प्रशिक्षण उड़ानें
जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर पिछले करीब 2 महीने से प्रशिक्षण उड़ानें लगभग बंद है। जरूरत के अनुसार कभी कभार सुखोई-30 और एएलएच हेलीकॉप्टर आसमान में उड़ान भरते देखे जा सकते हैं। स्टेशन में बाहर के लोगों का प्रवेश वर्जित है। यहां तक कि सिविल क्षेत्र में रहने वाले कार्मिकों को भी ड्यूटी पर नहीं लिया गया है।

आपात स्थिति के लिए तैयार है सेना
सेना अपने अंदर किसी भी तरह के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी तरह मुस्तैद रहने के कारण लॉक डाउन में कोई ढील नहीं दे रही है। सैन्य कर्मियों को सिविलियन से भी दूरी बनाए रखने के निर्देश है।

Source: Jodhpur

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