अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. कोरोना संक्रमण अब शहर में ऐसे कई लोगों को होने लगा है, जिन्हें खुद पता नहीं है, वे कहां से संक्रमित होकर आए। इतना ही नहीं, कइयों को घर व थोड़ा बहुत बाहर निकलते वक्त कोरोना हो रहा है। इसके अलावा कइयों की चैन ढूंढऩे में सरकारी एजेंसियों ने सफलता भी हासिल की है। लेकिन जिनकी चेन नहीं मिली, उनका कोरोना अब सरकारी रिकॉर्ड में रहस्य है।
कोरोना महामारी को लेकर इन दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ जोधपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग व कुछेक सीआईडी के कर्मचारी भी कांटेक्ट ट्रेसिंग के कार्य में जुटे हैं। इस कार्य में कइयों को उनके इन दिनों आने जाने और किन-किनसे मिलकर आने का पूछा जाता है। साथ ही उन्हें बताने के लिए समय भी दिया जाता हैं कि अगर आपको कुछ याद आए तो बता दीजिए।
बुजुर्ग सबसे ज्यादा भूल रहे
कई क्षेत्र में कोरोना संक्रमित यदि बुजुर्ग निकल जाएं तो उनसे कांटेक्ट हिस्ट्री लेने में ज्यादा जोर पड़ रहा है। क्योंकि उन्हें सबकुछ याद नहीं रहता है। ऐसे में उम्र के हिसाब से उनके परिजनों से ही पूछताछ होती है। ऐसे बुजुर्गों के दिमाग पर ज्यादा जोर अधिकारी भी नहीं डालते।
40 फीसदी की जानकारी नहीं मिल पाई
सरकारी महकमे के अधिकारियों को कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान 40 फीसदी लोगों के संक्रमित होने की जानकारी नहीं मिल पाई है। इनसे हरेक प्रकार से जानने का प्रयास किया, लेकिन पता न चल सका। शहर में सर्वाधिक रोगी भी नागौरी गेट, फतेहसागर, उदयमंदिर व प्रतापनगर क्षेत्र से सामने आए हैं।
सर्वाधिक कुछ चैन यहां बनी, जो आगे जाकर मल्टीपल बन गई
1. घोड़ों का चौक में एक व्यक्ति ने 13 को संक्रमित किया।
2. नागौरी नया तालाब क्षेत्र में एक महिला ने 10 को संक्रमित किया।
3.नया तालाब क्षेत्र में एक महिला 9 को संक्रमित किया।
4. महावतों की मस्जिद फतेहसागर में एक व्यक्ति ने 9 को संक्रमित किया।
5. उदयमंदिर में एक व्यक्ति ने 7 को संक्रमित किया।
इनका कहना है…
हम आगे की चेन ढृूंढ़ रहे हैं। बेक ट्रेसिंग में कई लोग खुद नेगेटिव आ जाते हैं, दूसरे कमजोर इम्यूनिटी वालों को संक्रमित कर जाते है। कंटेंटमेंट जोन में कई लोग घूमते हुए संक्रमित हो जाते है। ऐसे में सही कारण पता नहीं लग पाता। इस कारण हम शेष 40 फीसदी की ट्रेसिंग पर भी कार्य कर रहे है। ताकि कम से कम लोग संक्रमित हो।
– डॉ. बलवंत मंडा, सीएमएचओ, जोधपुर
Source: Jodhpur