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बाड़मेर. बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र के मीठड़ा गांव के लाखोलाई नाडी पर शनिवार को एक लकड़बग्घा देखा, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने क्षेत्रीय वन अधिकारी को दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई लेकिन उसके पास ट्रैक्यूलाइज करने के लिए कोई संसाधन नहीं थे। इस पर लकड़बग्घे को पकडऩे के लिए वन विभाग की टीम व ग्रामीण भीषण गर्मी में उसका पीछा करते रहे। लकड़बग्घा अपनी जान बचाने के लिए भीड़ के आगे भागता रहा। करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद लकड़बग्घा बेहोश होकर एक खेजड़ी के नीचे गिर गया जहां ग्रामीणों ने उसे लाठियों से चोट भी पहुंचाई। वन विभाग की टीम ने चारों पैर रस्सी से बांधकर घायल अवस्था में लकड़बग्घे को धोरीमन्ना वन विभाग ले आई, जहां पानी व इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। दौड़ाती रही भीडग़्रामीण क्षेत्र में लकड़बग्घे के आने की सूचना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। वन विभाग की टीम जब तक मौके पर पहुंची लकड़बग्घा एक खेत में बने पुराने झोंपड़ी में छुप कर बैठा हुआ था, लेकिन जैसे ही ग्रामीणों की भीड़ झोंपड़ी के पास पहुंची। लकड़बग्घा वहां से भागा तो ग्रामीणों की भीड़ भी उसके पीछे भागती रही। तेज धूप व गर्मी के चलते उसे पानी नहीं मिल पाया और गश खाकर गिर गया और भीड़ ने उस पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी जिससे वह घायल हो गया।पानी व इलाज के अभाव में तोड़ दिया दमलकड़बग्घा भीड़ के आगे अपनी जान बचाने के लिए करीब 5 घंटे तक भागता रहा। पोस्टमार्टम की जानकारी के अनुसार लकड़बग्घे की मौत तेज धूप में दौडऩे व पानी नहीं मिलने के कारण हुई। वहीं लकड़बग्घे को घायलावस्था में धोरीमन्ना के रेस्क्यू सेंटर में लाया, जहां समय पर इलाज होने से पहले ही मौत हो गई। पकड़ कर लाए, लेकिन मौत-सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लकड़बग्घे को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की, लेकिन यह आगे भागता रहा। घायल अवस्था में पकडक़र वन विभाग लाए जहां उसकी मौत हो गई। – हीराराम मेघवाल, क्षेत्रीय वन अधिकारी धोरीमन्नाडीएमसीए- धोरीमन्ना क्षेत्र में भागते-भागते बेहोश हुए लकड़बग्घे को उठाते लोग।

Source: Barmer News

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