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अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. कोरोनावायरस जांच ने देश-प्रदेश पर वित्तिय भार बढ़ा दिया है। प्रदेश में सर्वाधिक जांच वाले जिले जोधपुर में कोराना जांच के नाम पर राज्य सरकार के 25 करोड़ 60 लाख 32 हजार रुपए खर्च हो गए। संदेह के आधार पर यहां 64 हजार की कोरोना जांच हुई हैं। ये आंकड़ा जोधपुर में पिछले 66 दिनों का हैं। इनमें 1275 संदिग्ध संक्रमित पा गए।

कोरोना वायरस के वीटीएम किट समेत अन्य मशीनरी संसाधन पर 4 हजार रुपए खर्च होते हैं। इसके बाद रोगी पॉजिटिव आ जाए तो उसको अस्पताल में रखने व नि:शुल्क भोजन मुहैया कराने समेत 10 से 15 हजार रुपए सरकार के व्यय होते हैं। इसके अलावा सरकारी एंबुलेंस रोगियों को अस्पताल तक छोडऩे के लिए अलग लगती है। साथ ही संक्रमित के संपर्क में आए लोगों को भी अस्पताल तक लाया जाता है। हालांकि जोधपुर में कोरोना पॉजिटिव को होम क्वॉरंटाइन सिस्टम के बाद काफी हद तक सरकार का वित्तिय बोझ कम हुआ है।

प्रदेश भर में जांच के नाम पर खर्च हुए 1 अरब रुपए
प्रदेश में अब तक विभिन्न जिलों में 3,37,159 जांचें हुई हैं। इसमें राज्य सरकार के 1 अरब 34 करोड़ 86 लाख रुपए हुए खर्च हुए हैं। जबकि जयपुर 60121 कोरोना टेस्ट हुए। इसके बाद कोटा जिले में 21 हजार 444 जांच हुई हंै। जबकि प्रति जांच खर्च 4 हजार रुपए आता हैं। जबकि हाल ही में आइसीएमआर ने निजी लैब को कोरोना जांच की अनुमति देने के साथ 45 सौ रुपए जांच दर निर्धारित की है। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पीके खत्री का कहना है कि हालांकि उन्हें सरकार से सारी सुविधाएं नि:शुल्क मुहैया होती है।

Source: Jodhpur

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