अविनाश केवलिया/जोधपुर. लॉकडाउन 3.0 और 4.0 का पीरियड जिसमें कई व्यापार व उद्योगों को संचालित करने की अनुमति तो दी गई, लेकिन पूरी क्षमता के साथ यह उद्योग नहीं चल पा रहे हैं। इधर बिजली खपत बढ़ गई है। इसका बड़ा कारण है गर्मी। पारा 45 डिग्री को पार रहा है कि ऐसे में हर साल मई माह में औसत जितनी बिजली खपत होती है उससे करीब 10-12 प्रतिशत बिजली खपत अधिक हो रही है। जोधपुर डिस्कॉम के 10 जिलों में यही स्थिति है।
फैक्ट फाइल
– 650 लाख यूनिट के करीब बिजली खपत थी मई 2019 में।
– 715 लाख यूनिट से अधिक खपत मई 2020 में।
– 10 -12 प्रतिशत कुल बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में
– 5 प्रतिशत औसत हर साल बढ़ोतरी होती है, इस बार औसत से ज्यादा।
शहर में उद्योग बंद, घरों का लोड बढ़ा
जोधपुर शहर सहित डिस्कॉम के 10 जिलों में शहरी क्षेत्र में उद्योग व व्यापार पूरी तरह से शुरू नहीं हुए हैं। इसी कारण बिजली खपत कम हुई, लेकिन घरों में रह रहे लोग गर्मी के कारण एसी-कूलर जैसे उपकरणों का अधिक उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में शहरी क्षेत्रों में औसत बिजली पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत तक कम खपत हुई।
गांवों में बढ़ा लोड
गांवों में उद्योग व कृषि कार्य चालू है। साथ ही अधिकांश प्रवासी भी अपने घरों की ओर लौटे हैं। इसी का नतीजा है कि डिस्कॉम क्षेत्र के ग्रामीण में 22-25 प्रतिशत तक लोड बढ़ा है।
औसत के फेर में कइयों को लगी चपत
राज्य सरकार ने 31 मई तक बिजली बिल नहीं भरने पर किसी प्रकार का जुर्माना नहीं वसूलने व बिजली नहीं काटने की बात कही थी। लेकिन हकीकत में यह 150 यूनिट प्रतिमाह बिजली खपत वालों पर ही लागू था। ऐसे में अधिक उपभोग करने वाले कई घरेलू उपभोक्ताओं ने समय पर बिल भरे नहीं, ऐसे में उन पर लेट फीस का चार्ज भी लगाया जा रहा है।
अब कार्यालयों पर बढ़ेगा लोड
इस बार उपभोक्ताओं को औसत बिल दिया गया है। अब अगले बिल में राशि समायोजित होगी और इसके बाद कार्यालयों में शिकायत लेकर आने वालों का लोड़ बढ़ेगा।
इनका कहना…
गर्मी से बिजली खपत बढ़ी है। उद्योग बंद हैं, फिर भी खपत बढ़ी है। जहां तक प्रश्न औसत बिजली व जुर्माने का है, यह समस्या नहीं आनी चाहिए। यदि ऐसी किसी को समस्या है तो कार्यालय में सम्पर्क कर सकता है।
– अविनाश सिंघवी, एम.डी जोधपुर डिस्कॉम
Source: Jodhpur