गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय और विभिन्न माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जहां अपनी वार्षिक परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी में जुटे हैं वहीं राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) जोधपुर ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए परीक्षा नहीं करवाने का निर्णय किया है। एनएलयू ने सभी 10 सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को प्रोजेक्ट बनाने का कार्य दिया है।
ये प्रोजेक्ट छात्र-छात्राएं अपने घर में बनाकर विवि में ऑनलाइन सबमिट कर देंगे। प्रत्येक विषय का एक प्रोजेक्ट होगा। प्रोजेक्ट की जांच के बाद अंक दिए जाएंगे और इसी आधार पर छात्रों को आगे की कक्षा में पदोन्नत किया जाएगा। सभी सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम 20 जुलाई को घोषित कर दिया जाएगा। एक अगस्त से विवि में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा।
5000 से 7500 शब्दों का होगा प्रोजेक्ट
एनएलयू जोधपुर में पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम में हर छह महीने का एक सेमेस्टर होता है। इस साल सभी सेमेस्टर की परीक्षाएं मई में प्रस्तावित थी लेकिन लॉक डाउन के कारण नहीं हो पाई। अब छात्र छात्राओं को परीक्षा के स्थान पर प्रत्येक विषय का 5000 से 7500 शब्दों में एक प्रोजेक्ट तैयार करना है।
विवि के शिक्षकों ने 23 मई को प्रत्येक विषय के प्रोजेक्ट के लिए तीन टॉपिक दिए। इसमें एक टॉपिक लॉक डाउन के दौरान हुई ऑनलाइन कक्षाओं का है। छात्र-छात्राओं को एक टॉपिक पर प्रोजेक्ट बनाकर 27 जून तक सबमिट करना है। विवि के शिक्षक 8 जुलाई तक प्रोजेक्ट के अंक विवि में भेज देंगे। बीस जुलाई को अंतिम परीक्षा परिणाम जारी कर अगस्त में नए सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू कर दी जाएगी।
प्रोजेक्ट से पास करेंगे छात्रों को
इस बार सेमेस्टर परीक्षाओं के स्थान पर प्रोजेक्ट कार्य रखा है। जिसे विद्यार्थी घर बैठे बना सकते हैं। प्रोजेक्ट के अंक के आधार पर उन्हें उत्तीर्ण/अनुत्तीर्ण माना जाएगा।
– सोहनलाल शर्मा, रजिस्ट्रार, एनएलयू जोधपुर
एनएलयू के छात्रों ने प्रवासी श्रमिकों की मदद की
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) जोधपुर की विधिक सहायता एवं जागरूकता समिति ने उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान के अप्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में सहायता की। सेंटर फॉर लेबर रिसर्च एंड एक्शन से प्राप्त 10 हजार मजदूरों के आंकड़े के आधार पर छात्रों की कमेटी ने अपने 250 सदस्यों, वॉलंटियर, एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा की लीगल एंड कमेटी और वर्चुअल कदम नामक एनजीओ के साथ आठ हजार मजदूरों से संपर्क स्थापित किया। ज्यादातर मजदूर झारखंड के अलग अलग जिले से संबंध रखते थे। मजदूरों को रही दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया गया।
Source: Jodhpur