शिव. महिला व बाल विकास विभाग कार्यालय में सीडीपीओ का पद करीब 5 वर्ष से खाली है। वहीं सुपरवाइजरों के स्वीकृत नौ में से सात पद लम्बे समय से खाली चल रहे हैं। ऐसे में विभागीय योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं हो रही है।
शिव उपखण्ड क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं व सात माह से छह वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 224 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। लेकिन अधिकारियों के कई पद रिक्त होने से ना तो विभाग की योजनाओं का ठीक से संचालन हो पा रहा है और ना ही बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल हो पा रही है। कार्यरत मात्र दो सुपरवाइजर आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार की भी जांच नहीं हो रही है।
यह है विभाग की जिम्मेदारी
गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पूरक तथा गर्म पोषाहार वितरण करना, तीन से छह वर्ष के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा देना, महिला बच्चों के टीकाकरण करवाना, स्वास्थय पौषण, शिक्षण संदर्भ आदि शामिल हैं। पदरिक्तता व निरीक्षण के अभाव में कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका समय पर आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं खोलती। इससे इन योजनाओं का प्रभावी संचालन नहीं हो पा रहा है।
लिफ्ट या निजी वाहन से निरीक्षण
महिला एवं बाल विकास विभाग की सरकारी गाड़ी कई साल पूर्व तकनीकी खराबी से खड़ी कर दी थी। यह खटारा होने के बाद नीलाम कर दी। सुपरवाइजर या कर्मचारियों को अब वाहन मांग कर या निजी वाहनों से केंद्रों का निरीक्षण करना पड़ रहा है।
एक सुपरवाइजर के पास सात सेक्टर
कार्यालय के अधीनस्थ नौ सेक्टर पर वर्तमान में दो सुपरवाइजर ही कार्यरत हैं। एक सुपरवाइजर के पास दो सेक्टर व दूसरे के पास सात सेक्टर का चार्ज होने से एक आंगनबाड़ी केंद्र का एक माह में भी निरीक्षण कर पाना असंभव है।
छूट के बावजूद पद रिक्त
महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग जयपुर की ओर से बाड़मेर-जैसलमेर जिलों में महिला सुपरवाइजर पद पर पुरुष सुपरवाइजर लगाने की छूट दी गई है। इसके बावजूद यहां पुरुष सुपरवाइजर भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में प्रभावी निरीक्षण में समस्या आ रही है। गौरतलब है कि अन्य जिलों में महिला सुपरवाइजर पद ही स्वीकृत है।
एक वर्ष की पोषाहार राशि बकाया
प्रभावी निरीक्षण व कार्यालय कार्य नहीं होने से आंगनवाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत गर्भवती, धात्री, किशोरी व बच्चों को दिए जाने वाले पोषक की आपूर्ति स्वयं सहायता समूह से की जाती है।
इन समूहों को समय पर राशि का भुगतान नहीं करने से अब इसमें भी परेशानी सामने आ रही है। ब्लॉक में 224 आंगनवाड़ी केंद्रों में प्रति माह 15 से 20 लाख रुपए की आवश्यकता रहती है। ऐसे में करीबन ढाई करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं।
यह है स्थिति
आंगनबाड़ी केन्द्र – 224
गर्भवती, धात्री व किशोरी- 3011
0 से 6 वर्ष के बच्चे -12124
प्रभावित हो रही व्यवस्था
कुछ दिन पूर्व सात-आठ माह के पोषाहार की राशि स्वयं सहायता समूहों के खातों में जमा करवाई है। अभी भी करीब 11 माह की राशि बकाया है। इसके बिल बनवाए हुए हैं बजट आते हैं राशि जमा होगी। रिक्त पदों से निरीक्षण प्रभावित तो हो रहा है, बेहतरीन कार्य करने का प्रयास कर रहे है।
– अनवर खां, सुपरवाइजर
Source: Barmer News