बाड़मेर. बहुचर्चित फर्जी पट्टा प्रकरण विवादों से घिरा नगर परिषद के कांग्रेस बोर्ड के पांच साल पूर्ण होने में महज दो माह शेष है। नगर परिषद कंगाली की कगार पर है।
खजाना भरने की बजाय खाली हो गया है। इस बीच परिसीमन के बाद वार्ड बढ़े है और नगर निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है।
नगर परिषद कांग्रेस बोर्ड का गठन 26 नवंबर 2014 को हुआ था। उस वक्त परिषद के खजाने में करीब 40 करोड़ रुपए जमा थे।
खजाने का आंकड़ा बढऩे की बजाय महज 5 करोड़ रुपए पर आ गया है। ठेकेदारों के करोड़ों का भुगतान भी अटका है। नगर परिषद के पांच साल के वित्तीय वर्ष की आय 66 करोड़ रुपए आंकड़ों में सामने आई है।
जबकि 66 करोड़ में 47 करोड़ रुपए वेतन के सरकार ने दिए हैं। ऐसे में नगर परिषद ने महज 21 करोड़ ही कमाए हैं। इधर, नगर परिषद ने पांच वर्ष में करीब 70 करोड़ रुपए विकास कार्यों (development work) पर खर्च दिए। ऐसे में बोर्ड कंगाली झेल रहा है।
न पट्टा, न भूमि नीलाम
नगर परिषद में फर्जी पट्टा उजागर होने के बाद एक भी पट्टा जारी नहीं हुए। ऐसा खौफ पैदा हो गया कि किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने पट्टे की पत्रावली को छुआ तक नहीं। ऐसी स्थिति में हजारों पत्रावलियां परिषद में धूल फांक रही है।
इसके अलाव आय के लिए कॉलोनी विस्तार, दुकानों की नीलामी आदि भी नहीं कर पाए। इसलिए परिषद की आय बढ़ी ही नहीं। उल्टा ये हुआ कि जितनी आय हो रही थी, उससे अधिक तो खर्चे हो गए। इसके चलते खजाना खाली हो गया।
फैक्ट फाइल
नगर परिषद ने कमाए – 21 करोड़
विकाय कार्य पर खर्च- 70 करोड़
अब खजाने में जमा- 05 करोड़
बोर्ड के वार्ड- 40
वर्तमान वार्ड- 55
– घाटे में बोर्ड, एक पट्टा नहीं दिया
ये बोर्ड घाटे में रहा है। अब निकाय चुनाव सिर पर है। पट्टा दिया है और न ही भूमि नीलाम कर पाए। ऐसी स्थिति में आय हुई ही नहीं। खूब प्रयास किए। अब नगर परिषद कंगाल हो गई है।
– मदन चाण्डक, प्रतिपक्ष नेता, नगर परिषद बाड़मेर
Source: Barmer News