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जोधपुर. कोरोना संक्रमण के एपि सेन्टर बन चुके कंटेनमेंट जोन प्रतापनगर में कच्ची बस्ती में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर लोगों की लगातार बढ़ती परेशानियों से उनके सब्र का बांध टूटने लगा है। शुक्रवार शाम क्षेत्र की इन्द्रा कॉलोनी के लोग एकत्र होकर पुलिसकर्मियों से रास्ता खोलने की मांग पर अड़ गए। बड़ी संख्या में एकत्र हुई महिलाओं का कहना था कि रास्ता बंद होने से ना तो निगम की घर-घर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ी बस्ती में पहुंच रही है और ना ही दूध, सब्जी अथवा किराणा जैसी आवश्यक चीजों के वाहन पहुंच पा रहे है।

ऐसे में रोज कमाने खाने वाले श्रमिक भी रोजगार की तलाश में घर से नहीं निकल पा रहे हैं। क्षेत्र में लगातार कोरोना संक्रमण के मरीज आने से क्षेत्रवासियों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। क्षेत्रवासियों की रास्ता खोलने की मांग पर पुलिस मित्रों ने समझाइश की लेकिन लोग अड़े रहे। पुलिसकर्मियों ने उच्च अधिकारियों से बातचीत करने के बाद आवश्यक चीजों के लिए पैदल आने जाने के लिए अनुमति दी गई। उल्लेखनीय है प्रतापनगर के आसपास पहाड़ी पर घाटीनुमा रास्तों से होकर बसी विभिन्न बस्तियों में वाहन तो दूर पैदल पहुंचना तक मुश्किल है।

पानी की आस में सूख रहे कंठ
जोधपुर. झालामंड पंचायत के शंकर नगर में रहने वाले लोगों को इन दिनों विकट गर्मी के पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है। कॉलोनी में पर्याप्त पेयजल सप्लाई नहीं होने से यहां रहने वाले लोगों को मुंहमांगे दामों पर पानी के टैंकर मंगवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से कॉलोनी में पेयजल सप्लाई माह में दो से तीन बार ही हो रही है। इसके चलते पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। यहीं हाल समीप की राजेंद्र नगर सहित अन्य कॉलोनियों के भी है। गौरतलब है कि इस कॉलोनी में 1500 से अधिक लोग रहते हैं। पानी की किल्लत को देखते हुए झालामंड पंचायत की और से रणसी गांव पाइपलाइन से वैकल्पिक कनेक्शन दिए गए थे। लोगों का कहना है कि वह जलदाय विभाग के पास नई पाइपलाइन डालने के लिए कई बार ज्ञापन दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जन प्रतिनिधि भी समाधान के प्रति उदासीन नजर आ रहे हैं।

Source: Jodhpur

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