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जोधपुर. भगवान चित्रगुप्त के वंशज कायस्थ समाज मुगलकाल, ब्रिटिशकाल सहित रियासतकाल के समय भी अपने बुद्धि कौशल और विवेकशीलता के साथ सेवा का भाव होने के कारण सदैव शासकों के प्रिय रहे हैं। वर्तमान में भी समाज के लोग इसी परम्परा का निर्वहन कर विशेष पहचान कायम रखे हुए है। पत्रिका सोशल कनेक्ट के तहत ऑनलाइन चर्चा में समाज के वरिष्ठजनों व पदाधिकारियों ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन में कायस्थ समाज के लोगों ने घरों के सेनिटाइजेशन, मास्क वितरण से लेकर पशु-पक्षियों और समाज के सभी जरुरतमंद लोगों तक भोजन वितरण में सक्रिय भूमिका निभाई।

लॉक डाउन के कठिन समय में घर से बाहर निकलने में अनेकों अड़चनें थी, तब समाज के ही सक्रिय लोगों की टीम तैयार कर नगर निगम के सहयोग से दो हजार से ज्यादा भोजन पैकेट और 200 सूखी सामग्री किट जरूरतमंदों में वितरित करवाए। करीब पांच हजार सर्जिकल मास्क के अलावा समाज के बंधुओं को चिकित्सा परामर्श और जरूरी दवाइयां घर पहुंचाने की व्यवस्था की गई। यह व्यवस्था आज भी जारी है।
-नरेश माथुर अध्यक्ष, कायस्थ जनरल सभा जोधपुर

कायस्थ समाज ने अपने सामाजिक दायित्व को समझते हुए लॉक डाउन के प्रारंभ से ही प्रतिदिन जरूरतमंदों को तैयार भोजन के पैकेट तथा सूखी सामग्री, दूध ,सब्जी सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई। कोरोना वारियर्स को पांच हजार से ज्यादा कॉटन के वॉश एंड रीयूज वाले उपयोगी मास्क उपलब्ध कराएं। चौपासनी हाउसिंग बोर्ड एरिया में घरों में सेनेटाइज किया गया।
– निर्मल कुमार माथुर, उपाध्यक्ष,कायस्थ चेतना समिति एवं संस्थापक कायस्थ फाउंडेशन

लॉकडाउन में लगातार चौपासनी हाउसिंग बोर्ड एवं उसके आसपास की कॉलोनियों, उपनगरीय क्षेत्रों में लगभग 6000 मकानों को सेनिटाइजेशन किया गया जो आज भी जारी है। समाज के भामाशाह के सहयोग से एक विशेष टीम बनाकर पूरे राजस्थान में निवास करने वाले जरूरतमंद कायस्थ परिवारों से सम्पर्क कर 327 भोजन व आवश्यक सामग्री किट की व्यवस्था की गई। यह कार्य 30 जून तक अनवरत जारी रहेगा।
– अनिल माथुर कोलरी, अध्यक्ष,अखिल भारतीय कायस्थ धर्मशाला

लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों के लिए सबसे पहले खाने की व्यवस्था में सक्षम परिवारों का सहयोग मिला। जरूरतमंदों के साथ पशु पक्षियों, श्वानों और खास तौर पर गलियों में घूमने वाली गौवंश के लिए लापसी बनाकर वितरण में कायस्थ समाज के युवाओं का सहयोग रहा। आयुष विभाग के सहयोग से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित काढ़ा बनाकर लगातार लोगों को नि:शुल्क पिलाया गया।
-राजेश रूप राय, पूर्व सचिव, कायस्थ जनरल सभा

लॉकडाउन में लोगों की दिनचर्या को व्यवस्थित करने और इम्युनिटी बढ़ाने में सोशल मीडिया पर अपने कुछ वीडियो योगासनों और प्राणायाम के वीडियो शेयर किए। जिसका लाभ हजारों लोगों को मिला। वर्तमान में भी एक निश्चित दूरी के साथ अशोक उद्यान में लोगों को योगभ्यास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लॉकडाउन में मुस्कान ग्रुप ने अभावग्रस्त क्षेत्रों में चरण पादुका अभियान ‘कोई न रहे नंगे पांव’ शुरू किया गया जिसमें 450 जरूरतमंदों तक पहुंचने में कामयाब रहे है। यह क्रम आज भी लगातार जारी है।
-मुक्ता माथुर, अध्यक्ष, मुस्कान ग्रुप

Source: Jodhpur

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