बाड़मेर. जब बर्तनों की बिक्री खूब होने की उम्मीद थी उसी समय कोरोना संक्रमण फैलनेे से व्यापारियों के अरमानों पर पानी फिर गया। साल में सर्वाधिक मार्च से जून तक बर्तन बाजार बूम पर रहता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन व शादियों का पूरे धूम धड़ाके के साथ नहीं होना बर्तन व्यापारियों पर भी भारी पड़ा है। मार्च का मंगवाया हुआ माल अब तक दुकान और गोदाम में भरा पड़ा है।
बर्तनों की सर्वाधिक शादियों के लिए होती है। इस दौरान शादी वाला परिवार काफी बड़ी मात्रा में बर्तन खरीदता है। लेकिन इस बार शादियां हुई तो कई तरह के प्रतिबंधों में होने से लोग भी बाजार तक नहीं पहुंचे और इससे पहले लॉकडाउन के कारण भी दुकानें बंद रही। अब जो शादियां हो रही है तो उसके लिए बहुत कम लोग बर्तन खरीदने आते हैं।
मार्च में मंगवाया था आखिरी बार माल
व्यापारियों ने आखिरी बार मार्च में माल मंगवाया था। इसके बाद तो उन्हें माल मंगवाने की जरूरत ही नहीं पड़ी। बिक्री का ग्राफ इतना अधिक नीचे आ गया कि माल गोदाम में भरा पड़ा है। इसके बाद नए आर्डर की अब तो कोई जरूरत नहीं हुई है।
आखातीज पर होती है खूब बिक्री
अबूझ मुहूर्त होने के कारण आखातीज पर शादियां खूब होती है। लेकिन इस बार लॉकडाउन के बीच आई आखातीज के कारण व्यापारियों का माल दुकानों में पड़ा रहा गया। जबकि आखातीज पर जिले में शादियों के दौरान बर्तन खूब बिकते हैं। इसके लिए व्यापारियों ने पहले से माल मंगवा लिया था। लेकिन माल लॉकडाउन ही रह गया।
होटल-रेस्टोरेंट और टेंट संचालक है बड़े खरीददार
बर्तनों की बल्क में बिक्री होटल, रेस्टारेंट व टेंट के लिए होती है। लेकिन लॉकडाउन में होटलें भी बंद रही। इसी तरह टेंट संचालक भी बड़ी मात्रा में बर्तन खरीदते हैं। लेकिन शादियां में इस बार टेंट की जरूरत ही नहीं रही। ऐसे में बर्तनों के प्रमुख खरीददार बाजार ही नहीं पहुंचे।
——-
शादी का सीजन निकल गया
दुकान फिर से खोलने के बाद ग्राहकी नहीं है। देखा जाए तो मात्र दस फीसदी ग्राहकी रह गई है। मार्च से जून तक शादियों के सीजन में बर्तनों की बिक्री में बूम रहता है। लेकिन इस बार यह पूरा सीजन कोरोना संक्रमण के चलते वैसे ही निकल गया।
-रूपकिशोर, बर्तन व्यापारी बाड़मेर
माल पड़ रहा गया
शादी के सीजन में सबसे अधिक बिक्री रहती है। इस बार काफी कमी आई। लोग घरों में व्यंजन बनाने के लिए ओवन और इडली मेकर जरूर खरीदकर ले गए। लेकिन बल्क में बर्तन खरीदने वाले कोई एक-दो ही आते हैं।
-कानसिंह राजपुरोहित, बर्तन व्यापारी बाड़मेर
Source: Barmer News