बाड़मेर.
बाड़मेर के अगासड़ी गांव की रेशमा के शव को पाकिस्तान से भारत लाने की पत्रिका की मुहिम का ऑडियो बनाते और इसका विडियो करते समय आवाज दे रहे एंकर जफर खां की आंखे भर आई और उन्होंने मानवीय संवेदना की इस कहानी को खुद की आवाज तो ही साथ ही विडियो भी बनाया है। जफर ने राजस्थान पत्रिका का शुक्रिया अदा किया है।
वर्ष 2018 में बाड़मेर के अगासड़ी गांव की रेशमा थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान गई थी और उसका वहीं इंतकाल हो गया। इसके बाद उसकी आखिरी ख्वाहिश थी कि शव को वतन भारत लाया जाए। परिजनों के पास न पैसा था और न ही कोई बड़ी एप्रोच। पजिनों ने ग्रामीण पूरसिंह से बात बताई तो उन्होंने पत्रिका पर भरोसा किया और पत्रिका कार्यालय पहुंचे। पत्रिका ने समाचार श्रृुखला प्रारंभ की और तात्कालीन विदेशमंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट किया। सुषमा ने मामले की गंभीरता और संवेदना को देखते हुए तुरंत पाकिस्तान विदेश मंत्रालय बात की। यहां से रेशमा के शव को भारत लाने के लिए इजाजत मिल गई। परिजन शव को लेकर बॉर्डर तक पहुंचे ही नहीं थे कि थार एक्सप्रेस की रवानगी का समय हो गया। इस पर पत्रिका के प्रयास पर पाकिस्तान के खोखरापार रेलवे स्टेशन पर थार एक्सप्रेेस को रोक दिया गया, लेकिन शव समय पर नहीं पहुंच पाया। इसके बाद मुश्किल और बढ़ गई तो पत्रिका ने फिर से मुहिम को तेज किया। शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह मदद को आगे बढ़े और पाकिस्तान में अपने ताल्लुकात के जरिए उन्होंने शव को मुनाबाव के गेट खोलकर लाने की इजाजत मिली। रेशमा का शव भारत पहुंच गया। यह पहली मर्तबा हुआ था कि किसी शव के लिए दोनों देशों ने अपने गेट खोल दिए। रेशमा का शव उसके घर पहुंचा और यहां दफनाया गया। रेशमा को उसकी जन्नत मिली।
जफर ने कहानी को दी आवाज
जोधपुर के एंकर जफर खान सिंधी ने रेशमा की इस कहानी को ऑडियो बनाया। जफर ने जब कहानी को पढऩा शुरू किया तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। जफर ने कहा कि इस तरह की मार्मिक कहानी है कि उनकी आंखों का सब्र टूट गया ।इसके लिए वे पत्रिका का शुक्रिया अदा करते है।
जफर ने बनाया विडियो
ऑडियो बनाने के बाद जफर ने इसका विडियो भी जारी किया है जो उनकी आवाज के सम्मिश्रण से कहानी को जीवंत दर्शा रहा है। जफर बताते है कि रेशमा की कहानी बेहद पसंद की जा रही है। यह किसी फिल्मकथा से कम नहीं है।
Source: Barmer News