दिलीप दवे/ ओम माली
बाड़मेर. बाड़मेर जिले में वर्ष 2006 में आई बाढ़ ने बालेरा गांव की खुशियां छीन ली। इस गांव में पेयजल का स्रोत 1970 में बंधा बांध ढह गया तो गांव में पानी का संकट पैदा हो गया। बरसाती पानी का संचय नहीं होने से जल स्तर रसातल पर पहुंच गया तो कुएं सूख गए। चौदह साल से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से गुहार कर रहे हैं तो प्रशासन से प्रार्थना की इस बांध का पुनर्निमाण किया जाए, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।
बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर प्रेमाणियों की ढाणी बालेरा में 2000 लोगों की आबादी है। एक डेढ़ दशक पहले इस गांव में बरसाती पानी खुशियां लेकर आता था, क्योंकि यहां का खडीन बांध लबालब हो जाता। पानी भरने के बाद बारह माह तक पीने का पानी मिलता तो आसपास के करीब 70 कुओं में पानी खत्म नहीं होता। स्थिति यह थी कि कुओं में मात्र पचास-साठ फीट पर पानी मिल जाता था, लेकिन 2006 में आई बाढ़ इस गांव की खुशियां बहा ले गई। बांध बाढ़ की भेंट चढ़ा और दो जगह से टूट गया, जिसके बाद पानी का भराव नहीं हो रहा। ऐसे में गांव में पेयजल संकट की स्थिति पैदा हो गई है। गांव में पानी की कमी के चलते लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं तो मवेशी भी प्यासा भटक रहा है।
पचास से साढ़े तीन सौ फीट पहुंचा पानी- बालेरा में जल स्तर चौदह साल में पचास फीट से साढ़े तीन सौ फीट तक पहुंच गया है। जो कुएं हैं वे भी अब सूखते जा रहे हैं। आसपास के हैंडपम्प पानी के अभाव में बंध हो गए हैं।
वॉटर हार्वेस्टिंग की बात, यहां नहीं सुनवाई- एक तरफ सरकार जहां बरसाती पानी को बचाने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की बात कहते हुए घरों की छतों के पानी को भी व्यर्थ नहीं देने की बात कह रही है तो दूसरी ओर बांध की मरम्मत नहीं होने से बरसाती पानी की बर्बादी हो रही है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई होती नजर नहीं आती।
क्या कहते हैं ग्रामीण
लम्बे समय से जनप्रतिनिधियों से बांध मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।- मांगूङ्क्षसह
गांव में पेयजल संकट की स्थिति है। बांध का पुनर्निमाण कर दिया जाए तो समस्या हल हो सकती है।- रामसिंह
कुओं का पानी सूख गया है तो हैंडपम्प भी जवाब दे रहे हैं। सरकार ध्यान दे तो समस्या का समाधान हो सकता है।- उदयसिंह
प्रशासन या जनप्रतिनिधि बांध के पुनर्निमण की योजना बना कर ग्रामीणों को लाभांवित कर सकते हैं। कई बार फरियाद करने पर भी सुनवाई नहीं हो रही।- नरपतसिंह
प्रस्ताव भेजा जाएगा- बालेरा में बांध का मामला पता करवाता हूं। वैसे वर्षा जल संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रस्ताव बना कर भेजा जाएगा जिससे कि इसका जीर्णोद्धार किया जा सके।- कैलाश चौधरी, विकास अधिकारी बाड़मेर मेरी प्राथमिकता में- बालेरा का बांध मेरी प्राथमिकता में है। यह बांध पहले सिंचाई विभाग ने बनाया था, लेकिन बाड़मेर में अब सिंचाई विभाग का कार्यालय नहीं है। मेरी कोशिश है कि पंचायतराज विभाग या अन्य किसी योजना से इसकी मरम्मत कर लोगों को राहत दी जाए।- मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेर
Source: Barmer News