धोरीमन्ना. उपखंड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमथल में स्कूल के भवन और चारदीवारी लॉकडाउन के बाद अब नए अंदाज में देखने को मिल रही है। गांव में अशिक्षित बच्चों को स्कूल से जोडऩे एंव ग्रामीणों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए स्कूल की चारदीवारी को भामाशाह के सहयोग से शिक्षकों ने नया रूप दिया है स्कूल में भवनों पर बच्चों का पढ़ाई के प्रति लगाव बढ़ाने को लेकर ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है इस की पुताई ऐसे ढंग से की है कि दूर से देखने वाले भी हैरान रह जाते हैं। दिखने से ऐसे लगता है जैसे यहां ट्रेन खड़ी है, इस तरह की कलाकृति को देखने के लिए अन्य स्कूल से शिक्षक व ग्रामीण व बच्चे भी पहुंच रहे हैं। वन्यजीवों व पर्यावरण को बचाने के लिए चित्रकारीस्कूल में भवन के दीवारों पर वन्यजीवों एवं पर्यावरण को बचाने को लेकर भी संदेश दिया गया है। पर्यावरण एवं जीव जंतुओं के बारे में बाउंड्री वॉल, झरना, पहाड़, नदी, तालाब, पशु पक्षियों व आकर्षक चित्रकारी की गई है, जिसे स्कूली बच्चे फ्री समय में अपना मनोरंजन भी कर सकेंगे। साथ ही विभिन्न कमरों में विषय आधारित पेंटिंग भी की गई है। कोरोना से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने का संदेशवर्तमान में कोरोना का कहर चल रहा है इसी बीच प्रधानाचार्य रूपसिंह जाखड़ व व्याख्याता शंकराराम विश्नोई ने पहल करते हुए स्कूल की चारदीवारी पर भामाशाह के सहयोग से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए कोरोना से बचने के उपायों को कलाकृति के माध्यम से दर्शाया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों में कोरोना से किस तरह से बचाव करना है उसको लेकर जागृति आएगी। सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी रहा सहयोगविद्यालय में रंग रौनक एवं कलाकृति के माध्यम से निखार लाने के लिए भामाशाह के रूप में विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। सेवानिवृत्त व्याख्याता नेमाराम विश्नोइ, अध्यापक सुजाराम ने भामाशाह के रूप में विद्यालय की रंगाई पुताई हो नया रूप देने में योगदान रहा। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने के लिए स्कूल स्टाफ के साथ चर्चा हुई जिसके बाद भामाशाह के सहयोग से स्कूल में भवनों को ट्रेन के बोगी का आकार दिया तथा कोरोना से बचने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए चारदीवारी पर पेंटिंग करवाई गई. – रूपसिंह जाखड़ प्रधानाचार्य भीमथल
Source: Barmer News