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रतन दवे
बाड़मेर.
बाड़मेर के तेल ने कोरोना के दौर में चिंता रेखाएं बढ़ा दी है। बाड़मेर से तेल उत्पादन छह साल पहले 2014-15 में जहां औसत 1.75 से 2.00 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया था जो 2019-2020 में 1.30 से 1.40 लाख बैरल प्रतिदिन आ गया है। कोरेाना के दौर में इसमें भी दस से बीस प्रतिशत कटौती हुई तो यह उत्पादन और भी घट जाएगा। मार्च माह से शुरू हुए कोरोना के लॉकडाउन बाद राज्य में राजस्व का बड़ा जरिया बाड़मेर का तेल खजाना है, जिससे इस साल 3320.10 करोड़ रुपए की रॉयल्टी प्राप्त हुई थी। राज्य सरकार इसको इस साल बढ़ाकर 4500 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य लिए हुए थी जो अब मुश्किल नजर आ रही है।

उत्पादन बढ़ाना मुश्किल

कोरोना के दौर में मुश्किल मशीनरी और मैन पॉवर को लेकर आ रही है। देश के बड़े शहरों और विदेशों से संपर्क कट जाने से मशीनरी और मैन पॉवर की परेशानी के साथ ही नए प्रोजेक्ट पर फिलहाल कार्य नहीं किया जा रहा है। 38 तेल कुओं से हो रहा उत्पादन इस साल बढ़ाने की स्थ्ििात में भी कंपनी नहीं है।

3.50लाख बैरल का था इस साल लक्ष्य

रिफाइनरी के लिए 5.50 लाख बैरल प्रतिदिन तेल की जरूरत रहेगी। इस साल तेल उत्पादन इस गति से बढ़ाने के लिए 3.50 लाख बैरल प्रतिदिन का लक्ष्य लेकर कंपनी ने काम शुरू किया था लेकिन अब उत्पादन को 1.75 लाख बैरल तक ही बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। कोरोना काल के बाद ही यह तय होगा कि तेल उत्पादन अब आगे कितना बढ़ पाएगा ?

कीमतें बढ़ी तो बढ़ेगा

क्रूड ऑयल को लेकर अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत का सबसे बड़ा महत्व है। जहां वर्ष 2011-12 में प्रति बैरल 100 डॉलर के करीब कीमत पहुंचने पर बाड़मेर के तेल का उत्पादन 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया गया था, विगत सालों में कीमतें 40 से 50 डॉलर प्रति बैरल के करीब होने से तेल उत्पादन को 1.75 लाख के करीब लाकर स्थिर कर दिया है। कोरोना के दौर में कीमतों में उछाल की उम्मीद जानकार कम ही मानते है।

यों घट रहा है उत्पादन

वर्ष उत्पादन राजस्व ्र
2014-15 1.75-2.00 4849.67
2015-16 1.65-1.70 2341.43
2016-17 1.65-1.70 2331.73
2017-18 1.55-1.60 2579.08
2018-19 1.45-1.60 3883.32
2019-20 1.30-1.40 3320.10

Source: Barmer News

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