जोधपुर। भारत और पाकिस्तान में टिड्डी की समर ब्रीडिंग शुरू हो गई है। राजस्थान में 15 से 20 जून को गुलाबी टिड्डी के साथ आई पीली टिड्डी ने बीकानेर, जोधपुर के ओसियां और बाड़मेर के सेड़वा में रेतीली जमीन के नीचे अंडे दिए हैं। कच्छ के रण से लगते पाकिस्तान के दक्षिण सिंध में स्थित नागापारकर क्षेत्र में भी टिड्डी के अंडे मिले हैं। दो-तीन दिन पहले ही इनसे निम्फ यानी हॉपर निकले हैं। नमी के चलते अंडों से हॉपर जल्दी निकले हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने शनिवार रात बुलेटिन जारी कर भारत, पाकिस्तान, सूडान, दक्षिण सूडान, सोमालिया और इथोपिया में अगले 4 सप्ताह के लिए हाईअलर्ट घोषित किया है। इससे अगले 10-15 दिन में गुलाबी टिड्डी के बड़े दल सामने आएंगे।
सिंध घाटी में नए दल तैयार
पाक के खैबर पख्तूनवा में हॉपर बैंड के पंख निकलना शुरू हो गए हैं। इससे सिंध घाटी में गुलाबी टिड्डी के दल बन रहे हैं। इनसे भारत को सीधा खतरा है। ईरान के दक्षिण हिस्से में भी हॉपर बैंड हैं। विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान से लगती पाकिस्तान की सीमा में टिड्डी के अंडे देने पर ये तारबंदी के नीचे से होकर भारत में प्रवेश करेंगे। हॉपर के पंख नहीं होते हैं। ये रेंगकर चलते हैं। पिछले साल भी बॉर्डर पर यह दृश्य दिखा था।
मानसून की नमी से टिड्डी को सहारा
मानसून की नमी मिलने से एक पखवाड़े पहले युवा गुलाबी टिड्डी वयस्क पीली टिड्डी में बदलने लग गई। पीली टिड्डियों ने अंडे दिए। एक टिड्डी रेत में 10 से 15 सेमी नीचे 100 से 150 अंडे देती है। गर्मी व ज्यादा नमी से इन अंडों से 7 से 10 दिन में ही हॉपर (फाके) निकल आए। जोधपुर, बाड़मेर और बीकानेर में सर्वे करके हॉपर को मारा जा रहा है। उधर, उत्तरप्रदेश के वाराणसी से होते हुए टिड्डी नेपाल में घुस गई है। 1996 के बाद नेपाल के कृषि विभाग ने टिड्डी की पुष्टि की है।
Source: Jodhpur