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बाड़मेर. शिक्षक चिकित्सकों की भूमिका भी किसी अस्पताल में सेवाएं देने वाले डॉक्टर से कम नहीं आंकी जा सकती है। शिक्षक चिकित्सक तो भविष्य के डॉक्टर बनाने का काम करते हैं। कोरोना महामारी में शिक्षक चिकित्सकों के समक्ष भी चुनौतियों का अंबार लगा, मेडिकल कॉलेज से सभी बच्चे घर चले गए और अब उनकी पढाई का नुकसान नहीं हो, इसलिए ऑनलाइन पढ़ाना था। शिक्षक चिकित्सकों की टीमों ने इस चुनौती को बखूबी स्वीकार किया और पूरी तन्मयता से कोर्स पूरा करवाने में जुटे हैं। करीब 90 फीसदी कोर्स हो चुका है। पहले साल का कोर्स पूर्णता की ओर है। मेडिकोज का इस साल का कोर्स करवाने में चिकित्सक शिक्षकों ने अपना सब कुछ लगा दिया।
बाड़मेर मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद साल 2019-20 पहला साल और इसी बार कोरोना महामारी का आना हुआ है। महामारी के फैलाव को देखते हुए पहले बच्चों की सुरक्षा की देखते हुए उन्हें घर भेज दिया गया। इसके बाद बारी आई कि चाहे कुछ भी हो जाए पढ़ाई जारी रखनी ही है। भले की कुछ प्रेक्टिक्ल क्लास नहीं हो तो चल जाएगी लेकिन थ्योरी की क्लास तो नियमित लगानी ही होगी और भावी डॉक्टर्स को तैयार करना ही है। इसी सोच के साथ मुख्ख्यालय से आदेश मिले तो बाड़मेर मेडिकल कॉलेज की टीम भी पूरी तरह तैयारी थी। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एनडी सोनी के नेतृत्व में सभी विभागाध्यक्षों ने ऑनलाइन पढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी।
आदेश मिलते ही बना दिया ऑनलाइन प्लेटफार्म
कॉलेज को ऑनलाइन पढाई के लिए आदेश मिलते ही उसी दिन ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया। मेडिकोज को जोड़ते हुए ग्रुप भी तैयार कर लिए गए जो डिस्कशन में काफी उपयोगी साबित हुए और अनवरत जारी है। सभी टीम ने बच्चों की पढ़ाई को कैसे पूरी की जाए, इस पर फोकस किया और कामयाब रही।
एनाटॉमी विभाग टीम
डॉ. अनूप सिंह गुर्जर, ऐकडेमिक इंचार्ज एवं विभागाध्यक्ष
डॉ. सोहेल सोलंकी, वरिष्ठ प्रदर्शक
डॉ. मुकेश फुलवारिया, वरिष्ठ प्रदर्शक
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बायोकेमिस्ट्री विभाग टीम
डॉ. प्रकाश हुंडेकर, आचार्य एवं विभागाध्यक्ष
डॉ. गरिमा गुप्ता, सहायक आचार्य
डॉ. महादेव, वरिष्ठ प्रदर्शक
डॉ. घनश्याम गहलोत, वरिष्ठ प्रदर्शक
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फिजियोलॉजी विभाग टीम
डॉ. भूपेंद्र पटेल, सहायक आचार्य
डॉ. कीर्ति गोयल, वरिष्ठ प्रदर्शक
टीमें समन्वय से कर रही काम
मेडिकल कॉलेज की तीनों विभागों की टीमों ने समन्वय के साथ बेहतर काम किया है। मेडिकोज का कोर्स लगभग पूर्णता की ओर है। ऑनलाइन स्टडी में बच्चों की किसी तरह की समस्या पर हमारी सभी टीम के शिक्षक चिकित्सक हमेशा तैयार रहते हैं।
डॉ. एन. डी. सोनी, प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक
राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, बाड़मेर

Source: Barmer News

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