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जसोल. औद्योगिक क्षेत्र जसोल में नौ माह पूर्व स्वीकृत सड़क का निर्माण नहीं करने से हर दिन उद्यमियों, श्रमिकों को परेशानी उठानी पड़ती है। ग्रेवल मार्ग बारिश के चलते जगह-जगह से टूटने व इसमें डेढ़- दो फीट गहरे गड्ढे होने पर वाहन पलटते हैं।

इससे चालक, सवार चोटिल होते तो ग्रे व तैयार माल खराब होता है। परेशान उद्यमी नगर परिषद अधिकारियों को समस्या से दर्जनों बार अवगत करवा चुके हैं, लेकिन इनके सुनवाई व निर्माण नहीं करने से राहत को तरस गए हैं।

बालोतरा के बाद जसोल जिले का दूसरा बड़ा औद्योगिक कस्बा है। यहां 110 से अधिक संचालित वस्त्र कारखानों में कई हजार श्रमिक काम करते हैं।

तीन दशक से अधिक पुराने कस्बे के वस्त्र उद्योग को लेकर प्रदेश सरकार ना रीको गंभीर है। इस पर आज दिन तक औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों तक का निर्माण नहीं करवाया गया है।

स्वीकृत सड़क भी नहीं बनी –

नगर परिषद ने नौ माह पूर्वएक सड़क निर्माण की स्वीकृति जारी की थी। 30 जनवरी को राइकाबाग से सीईटीपी ट्रस्ट प्लांट तक सड़क निर्माण को लेकर 26 लाख 87 हजार रुपए की स्वीकृति जारी की।

इस पर उद्यमियों, श्रमिकों ने शीघ्र सड़क बनने की उम्मीद संजोई, लेकिन नगर परिषद ने अभी तक सड़क निर्माण का कार्य तक शुरू नहीं किया। इससे हर दिन उद्यमियों, श्रमिकों को परेशानी उठानी पड़ती है।

ग्रेवल सड़क क्षतिग्रस्त, रेत के उड़ते गुबार –

राइकाबाग से सीईटीपी ट्रस्ट तक बनी ग्रेवल सड़कवाहनों की आवाजाही व गत वर्षों में हुई वर्षा से पूरी तरह से टूट गई है। इसमें डेढ़- दो फीट गहरे गड्ढों पर वाहन चालकों को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। वाहन पलटने से चालक, सवार चोटिल होते, ग्रे, तैयार माल खराब होता है। वाहनों की आवाजाही से पूरे दिन रेत के गुबार उड़ते हंै।

सड़क निर्माण का इंतजार-

सड़क निर्माण की स्वीकृति से वर्षों की समस्या का हल होने की उम्मीद थी, लेकिन नौ माह बाद भी निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है। इससे आज भी पहले की तरह परेशानियां उठाते हैं। – जयकिशन राठी

ग्रेवल रोड टूटी, हो रही परेशानी-

ग्रेवल मार्ग टूट चुका है। इसमें बड़े-बड़े गड्ढों पर वाहन पलटते हैं। इससे लोग चोटिल होते हैं। नगर परिषद ने मार्ग स्वीकृत किया, तो निर्माण भी करवाएं।

– मानमल नाहटा

Source: Barmer News

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