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बाड़मेर. कोरोना के चलते बंद स्कूल व कॉलेज के ताले तो खुल गए, लेकिन शिक्षण कार्य बंद ही है। एेसे में स्कू  ल पहुंच रहे शिक्षक अभी से नए शिक्षा सत्र में कोर्स पूरा कैसे हो, इसको लेकर चिंतित है। करीब चालीस दिन तक पढ़ाई नहीं होने के बाद बचे दिनों में पूरे सत्र की पढ़ाई कैसे होगी यह सवालिया निशान है।

हालांकि ऑन लाइन पढ़ाई शुरू की गई है, लेकिन अधिकांश विद्यार्थी इसमें रुचि नहीं ले रहे। इस पर सत्र शुरू होने पर प्रथम पाठ से अध्ययन करवाना पड़ेगा। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते देश व प्रदेश में २२ मार्च से लॉकडाउन लग गया। इस पर कॉलेज, स्कू  ल, कोङ्क्षचग संस्थान में भी गतिविधियां बंद हो गई। इस बीच पिछले सत्र में वार्षिक परीक्षा भी नहीं हुई और सरकार ने विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया।

अब नया सत्र शुरू, शिक्षण कार्य बंद- 24 जून से शिक्षकों के लिए स्कूल खुल गए हैं, लेकिन प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक एवं कोचिग संस्थाएं 31 जुलाई तक बंद रहेंगे। हालांकि प्रवेश लेने, टीसी लेने, कक्षा क्रमोन्नति प्रमाणपत्र एवं अंकतालिका जैसे आवश्यक कार्यों के लिए विद्यार्थी या अभिभावक स्कूल आ सकेंगे।

सोशल डिस्टेंसिंग की समस्या– कक्षा 1 से 8वीं तक पढऩे वाले बच्चों को स्कूल भेजा गया तो उनमें सोशल डिस्टेंसिंग व लगातार मास्क लगाए रखना बड़ी चुनौती है। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने इसे जरूरी मानते हुए फैसला लिया है ताकि बच्चों को इस महामारी से बचाया जा सके।

हर दिन आठ कालांश- शिक्षा सत्र के दौरान प्रत्येक दिन हर कक्षा में आठ कालांश में पढ़ाई होती है। एेसे में चालीस-पैंतालीस दिन की पढ़ाई प्रभावित होती है तो करीब साढ़े तीन सौ कालांश नहीं लगेंगे। इस पर इतने दिनों का कोर्स पूरा करवाना शिक्षकों के लिए मुश्किल होगा। सरकार कर सकती है फैसला- हाल ही में सरकार ने भी इसको लेकर संकेत दिए है कि कोर्स को कम किया जाए, लेकिन जब तक आदेश नहीं होते तब तक शिक्षकों के साथ अभिभावक व छात्र इस चिंता में है कि कोर्स पूरा कैसे होगा।

कोर्स कम होना चाहिए- घर में बैठकर पढ़ाई करना मुश्किल है। एेसे में कोर्स ऑन लाइन करना बच्चों व अभिभावकों के लिए संभव नहीं है। सरकार कोर्स कम करके विद्यार्थियों को राहत दे।- कांतिलाल व्यास,शिक्षक

घर में पढ़ा नहीं सकते- हमारे बच्चे जिस स्तर की पढ़ाई कर रहे हैं, उसे पढ़ाना हमारे लिए मुश्किल है। पिछले सत्र में परीक्षाएं नहीं हुई तो इस सत्र में पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। एेसे में उनके भविष्य की चिंता है। सरकार कोर्स कम करके राहत दे।- बाबूसिंह, अभिभावक

कोर्स पूरा करवाना बड़ा मुश्किल– कोर्स पूर्ण करवाना बड़ा मुश्किल होगा। क्योंकि करीब चालीस दिन की पढ़ाई बर्बाद हो चुकी है। अब तो आधा कोर्स ही हो सकेगा। सरकार इस बारे में सोच कर जल्द निर्णय ले।- नीम्बाराम जांगिड़, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य

Source: Barmer News

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