बाड़मेर. थार में टिड्डी हमलों के बाद अब फाका पनपना शुरू हो गया है। इससे आने वाले महीनों में और बड़े हमले यहां पैदा हुए फाके के रूप में झेलने पड़ेंगे। मानसून के बाद टिड्डी को बढऩे के लिए अवस्थाएं और अधिक अनुकूल हो गई है। इसके चलते टिड्डी के और बड़े हमले की भारी आशंका है।
बाड़मेर में इस बार आई टिड्डी आई उससे कुछ फीसदी ही नियंत्रित हो पाई और यहां से आगे बढ़ गई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टिड्डी के दल कितने बड़े और ताकतवार होंगे, जिन पर केमिकल का कोई असर तक नहीं हुआ और यहां से अन्य जिलों और प्रदेशों तक पहुंच गई।
दक्षिणी-पूर्वी सिंध में टिड्डी ने अंडे देेने शुरू किए
भारत-पाक सीमा पर दक्षिण पूर्वी सिंध के नगरपारकर क्षेत्र में टिड्डियों ने अंडे देने शुरू कर दिए है। यहां से पनपने वाली टिड्डी पूरे थार क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा है। यहां पर देखा गया है कि कुछ दल अंडे दे चुके हैं। जिससे आने वाले समय में हमले की आशंका और बढ़ गई है।
सीमा क्षेत्र में देखा गया फाका
बाड़मेर में भारत-पाक सीमा के पास फाका (हॉपर्स) पनप रहा है। सर्वे में कुछ स्थानों पर फाका देखा गया है। इसमें प्रथम और द्वितीय अवस्था का फाका है, समय पर नियंत्रित नहीं हुआ तो बड़ा खतरा साबित हो सकता है। वहीं बीकानेर और जोधपुर में फाका पनप की जानकारी सर्वे में सामने आई है।
ईरान और पाक में वंसत प्रजनन समाप्त
पाकिस्तान और ईरान में टिड्डी का वसंत प्रजनन समाप्त हो चुका है। इसके चलते वयस्क समूहों के भारत-पाक सीमा के पास आने की आशंका बढ़ती जा रही है। वहीं मानसून के आने के बाद भारतीय सीमा में टिड्डी के लिए अवस्थाएं अनुकूल हो रही है। जो आगे और घातक हो सकती है।
Source: Barmer News