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जोधपुर।

जिले में सहकारी विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर चने की खरीद शुरू की गई थी। कई केंद्रों पर सैंकड़ों किसानों से चने की खरीद करने के बावजूद क्रय-विक्रय सहकारी समितियां किसानों को ऑनलाइन विक्रय पर्ची देने से इनकार कर रही है तथा किसानों पर फ सल वापस ले जाने के लिए दबाव बना रही है। प्रदेश में 1 मई से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हुई थी, जिसमें जिले के 46 केंद्रों पर चने व सरसों की खरीद की जा रही थी।राजफैड की ओर से फ सल उत्पादन का 25 प्रतिशत खरीद लक्ष्य तय कर किसानों के ऑनलाइन पंजीयन के आधार पर किसानों को मोबाइल पर संदेश भेजकर फ सल तुलाई के लिए तारीखों का आवंटन किया था। इसमें कोविड-19 को देखते हुए तारीख आवंटन से 7 दिन में फ सल तुलवाने की बाध्यता को खत्म कर दिया था। बाद में, 25 जून को आदेश जारी कर 7 दिन में फ सल तुलवाने की छूट को खत्म कर दिया। इससे पूर्व में तारीख आवंटन के बावजूद बचे हुए बैकलॉग के पंजीकृत किसानों ने 26 व 27 जून को फ सल तुलवाई करवाई। इस दौरान ऑनलाइन सर्वर डाउन होने का हवाला दे इन किसानों को ऑनलाइन विक्रय पर्ची जारी नहीं करके जल्दी ही पर्ची जारी करने के आश्वासन दिया गया। अब खरीद का कोटा पूरा हो जाने का हवाला दे फ सल वापस ले जाने के लिए किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है। 29 जून से खरीद भी बंद कर दी गई, सैंकड़ों किसानों के 25 प्रतिशत खरीद लक्ष्य अनुसार पंजीयन किए हुए है, इसके बावजूद उनसे खरीद नहीं की जा रही है।

खरीद क्षमता पूरी हो गई है, ऐसे में खरीद नहीं हो रही है, इसलिए ऑनलाइन पर्ची जारी नहीं की जा रही। मैने मुख्यालय को क्षमता बढ़ाने के लिए कई बार अवगत भी कराया, लेकिन क्षमता नहीं बढ़ाई गई।

हेमेन्द्रसिंह आसिया, क्षेत्रीय अधिकारी

राजफैड जोधपुर

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ओटीपी विकल्प नहीं खुलने व सर्वर डाउन होने का बहाना कर पहले किसानों से चक्कर लगवाते रहे, अब फ सल वापस ले जाने के लिए दबाव बना रहे है। जिला कलक्टर व राजफैड प्रबंधन को अवगत कराया है। उप रजिस्ट्रार व राजफैड के क्षेत्रीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे है। किसानों को शीघ्र ही भुगतान सुनिश्चित नहीं किया तो आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।

तुलछाराम सिंवर, आंदोलन व प्रांत प्रचार प्रमुख

भारतीय किसान संघ जोधपुर

मेरी चने की फ सल की 11 जून को तुलाई हो गई थी। विक्रय पर्ची देने के बजाए फ सल वापस ले जाने का बोल रहे है। जब पंजीयन करवाया था 4200 रुपए में चना बिक रहा था, अब कोई 3800 रुपए देने को तैयार नही है, हमें फ सल का भुगतान चाहिए।

खेताराम/खेराजराम

मेरे मां के नाम का टोकन था। 19 जून को मेरी चने की फ सल की तुलाई हो गई थी लेकिन अंगुली का निशान नहीं आया। ऐसे में विक्रय पर्ची बाद में देने को कहा, लेकिन एक माह बाद भी मुझे विक्रय पर्ची नहीं मिली है।

तिलोकाराम

Source: Jodhpur

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