बाड़मेर. मरीजों को तुरंत चिकित्सा सुविधा दिलाने में मददगार 108 एम्बुलेंस खुद बीमार है। जिले में संचालित हो रही अधिकांश एम्बुलेंस 3 लाख किमी तक चल चुकी हैं। इसके बाद एम्बुलेंस को कंडम मान लिया जाता है। इसके बावजूद एम्बुलेंस की गाडिय़ां दौड़ रही है।
पुरानी होने के चलते कई बार खराब भी हो जाती हैं। जिससे मरीज की जान को भी खतरा है। फिर भी बदलने को लेकर कंपनी की ओर से कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। जबकि चिकित्सा विभाग नई गाडिय़ां उपलब्ध करवाने के लिए कई बार कह चुका है। लेकिन संचालन कंपनी पुरानी ही गाडिय़ां चला रही है।
जिले में दूरदराज क्षेत्र में दुर्घटना के घायलों और मरीजों को जिला चिकित्सालय लाने में एम्बुलेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन पुरानी होने के कारण ये मरीजों के लिए मुसीबत भी साबित हो जाती हैं।
कई बार रास्ते में खराब होने की स्थिति भी आई है, जिसके चलते देरी से मरीज को चिकित्सा उपलब्ध होने के मामले भी सामने आए हैं। लेकिन एम्बुलेंस के कार्मिक मरीजों की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इसलिए मरीजों के साथ किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई है। जबकि पुराने वाहन के चलते तो मरीज के साथ कुछ भी हो सकता है।
तीन लाख किमी के बाद बदलनी होती है एम्बुलेंस
विभाग के जानकार बताते हैं कि एम्बुलेंस को 3 लाख किमी संचालन के बाद कंडम मान लिया जाता है। इसके बाद वाहन को बदलना जरूरी है। ऐसा इसलिए है कि एम्बुलेंस आवश्यक सेवाओं में शामिल है और मरीज की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण होने के कारण बिना किसी बाधा के मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाना प्राथमिकता है। पुरानी एम्बुलेंस के रास्ते में खराब होने की चिंता संचालन करने वाले कािर्मकों को भी सता रही है। जिले में केवल 6 एम्बुलेंस ही नई हैं। इसके अलावा 46 एम्बुलेंस पुरानी ही दौड़ रही हैं जो कंडम हो चुकी है।
पांच एम्बुलेंस के साथ शुरूआत
प्रदेश में 108 का प्रोजेक्ट सितम्बर 2008 में 5 वाहनों के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद वाहन बेड़े में शामिल होते गए।
बाड़मेर: एम्बुलेंस पर एक नजर
कुल एम्बुलेंस 56
संचालित एम्बुलेंस 50
संचालन बंद 06
नई एम्बुलेंस 06
यहां मिलती है 108 की सेवाएं
-गर्भवती को अस्पताल लाना व प्रसूता को ले जाना
-हार्ट अटैक के मरीज को पहुंचाना
-बुखार, बेहोशी, लकवा
-सभी तरह की आपात स्थिति
सीएमएचओ डॉ. कमलेश चौधरी से सीधी बात
सवाल: वर्तमान में जिले में कितनी एम्बुलेंस संचालित हो रही हैं?
जवाब: जिले में 108 व 104 एम्बुलेंस के 50 वाहन संचालित हैं।
सवाल: कितनी गाडिय़ा खराब हैं या संचालन से बाहर है?
जवाब: जिले में 6 गाडिय़ा खराब हैं, इसलिए बंद पड़ी हंै।
सवाल: नई गाडिय़ों के लिए विभाग स्तर पर क्या प्रयास हुए?
जवाब: संचालक कंपनी को हमने कई बार नई एम्बुलेंस भेजने का कहा है।
सवाल: पुरानी गाडिय़ां कितनी किमी तक चल चुकी है?
जवाब: सभी गाडिय़ां 3 लाख किमी तक चल चुकी हैं।
सवाल: कितनी गाडिय़ा नई संचालित हो रही हैं?
जवाब: बाड़मेर जिले में केवल 6 ही एम्बुलेंस नई हंै।
Source: Barmer News