Posted on

बाड़मेर. थारनगरी में कोरोना को गली-गली से अब घर-घर तक पहुंचने का खुला न्यौता मिल रहा है। क्योंकि सुरक्षा को लेकर न तो आमजन फ्रिकमंद है और ना ही प्रशासन-पुलिस सख्त। पिछले एक माह से जैसे-जैसे कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे सुरक्षा इंतजार घट रहे हैं। सेनेटाइजर मशीनें धूल फांक रही है तो मास्क मुंह से गायब होने लगे हैं। बेरिकेड्स लग जरूर रहे हैं, लेकिन पुलिस का पहरा नहीं होने से कोरोना संक्रमित मरीज के परिजन खुले आम गलियों में घूम रहे हैं। बाजार में भीड़ इतनी कि पता नहीं लगता कि कोरोना के चलते सख्ती है या नहीं। विश्व व्यापारी बीमारी कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच देश में लॉकडाउन लगा तो बाड़मेर शहर में भी इसका असर रहा। करीब दो माह तक शहर की गलियां सूनी रही तो लोग घरों में कैद। प्रशासन ने भी सख्ती बरती तो पुलिस ने चौकसी। यहीं कारण था कि बाड़मेर शहर में चंद मरीज ही कोरोना के मिले। इसके बाद अनलॉकडाउन शुरू हुआ तो प्रवासी पहुंचने लगे, लोगों के साथ प्रशासन व पुलिस की सख्ती भी कम हो गई। एेसे में कोरोना के मरीज शहर में दिनों दिन बढ़ रहे हैं। अब तो शहर कोरोना हब बन चुका है। शहर का शायद ही कोई कोना होगा जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। गली-गली में लगे बांस के बम्बू यह बता रहे हैं कि यहां कोरोना पहुंच चुका है। सेनेटाइजर को भूले लोग, बिसरा प्रशासन- कोरोना संक्रमण से बचाव में सेनेटाइजर की महत्ती भूमिका है। एेसे में लॉकडाउन के दौरान जनप्रतिनिधियों व भामाशाहों ने जगह-जगह सेनेटाइजर मशीनें लगाई, जिनका उपयोग हुआ। लोग बैंक परिसर, सार्वजनिक स्थानों पर जाने से पहले इसमें से होकर गुजरते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। कोरोना बढऩे के बावजूद शहर में लगी अधिकांश सेनेटाइजर मशीने धूल फांक रही है। लोग सेनेटाइजर को भूल रहे हैं तो प्रशासन भी बिसर गया है कि सेनेटाइजर मशीनें भी उनके पास है। बम्बू लगा कर चलते बनता प्रशासनिक अमला- कोरोना को लेकर प्रशासनिक बेपरवाही भी दिख रही है। प्रशासन कोरोना संक्रमित मरीज के घर के आसपास दो-तीन घरों तक बांस के बम्बू लगा कर इतिश्री कर रहा है। ना तो पहले जैसी सख्ती है और ना ही पुलिस की कड़ी कार्रवाई। अधिकांश जगह पर तो पुलिस के जवान लगाए हुए भी नहीं है। एेसे में लोग मनमर्जी से आ-जा रहे हैं। स्थिति यह है कि संक्रमित मरीज के परिजन भी बेखौफ गलियों में घूमते रहते हैं। बाजार में आने की हौड़- शहर के बाजार में एेसा लगता है जैसे हर किसी के आने की हौड़ लगी हुई है। दस बजे से चार बजे और इसके बाद भी लोग वाहनों पर सरपट भागते नजर आते हैं। इस दौरान ना तो मुंह पर मास्क लगा रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा रही है। बेपरवाही पड़ सकती है भारी- जिले में कोरोना मरीजों की तादाद बढ़ रही है। शहर में भी काफी मरीज मिल रहे हैं। एेसे में बेपरवाही भारी पड़ सकती है। आमजन से अपील है कि वे घरों में रहें और सुरक्षित रहें। मास्क का प्रयोग अनिवार्यरूप से करें। सेनेटाइजर सहित अन्य नियमों की पालना करें।- डॉ. कमलेश चौधरी, सीएमएचओ बाड़मेरफोटो

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *