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जोधपुर.
मथानिया थाना पुलिस ने गगाड़ी गांव में दबिश देकर स्प्रिट से नकली शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़कर दो युवकों को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से स्प्रिट से भरे छह ड्रम, देसी शराब का मार्का लगी शराब से भरे ६ कार्टन सहित भारी मात्रा में सामग्री व एक बोलेरो पिकअप जब्त की।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) धर्मेन्द्रसिंह यादव के अनुसार गगाड़ी में हरिओम बाबा के स्थान व स्कूल के पीछे मांगाराम जाट के मकान में नकली शराब बनाए जाने की सूचना मिली। थानाधिकारी डॉ गौतम डोटासरा के नेतृत्व में पुलिस ने मकान में दबिश दी, जहां मांगाराम व लक्ष्मणसिंह स्प्रिट से शराब बनाते पाए गए। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। मकान की तलाश लेने पर देसी शराब का मार्का लगे शराब से भरे छह कार्टन, स्प्रिट से भरे प्लास्टिक के छह ड्रम, प्लास्टिक के चार खाली ड्रम, प्लास्टिक के ८२ पव्वे, पॉलिथीन पैकेट खाली ढक्कन के तीन कार्टन, एक कैप सिलिंग मशीन, एक एल्कोहोलिक जांच मीटर, कपड़े की थैली में पव्वों पर लगे वाले लेबल, २०० लीटर प्लास्टिक का एक ड्रम व एक टेप जब्त की गई।
घर के सामने खड़ी बोलेरो पिकअप भी जब्त की गई। जिसमें बीस-बीस लीटर पानी से भरे प्लास्टिक के दस केन और देसी शराब के पव्वे भरने में प्रयुक्त होने वाले ४८ खाली कार्टन भरे थे। सभी को जब्त किया गया। आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज कर गगाड़ी में खोतों की ढाणी निवासी मांगाराम (३५) पुत्र हिम्मताराम जाट व रामड़ावास गांव हाल बीजेएस कॉलोनी निवासी लक्ष्मणसिंह (२५) पुत्र उदयसिंह को गिरफ्तार किया गया। दोनों को रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर रिमाण्ड लिया गया।

आरोपी अब तक सौ पेटी नकली शराब बना चुके हैं। ९४ पेटी शराब बालेसर के महेन्द्र को बेच चुके हैं।
फींच व रोहिचा से खरीदा रहे थे स्प्रिट

थानाधिकारी डॉ गौतम डोटासरा का कहना है कि आरोपी पिछले सात दिन से नकली देसी शराब की फैक्ट्री चला रहे थे। वे सुनील व हनुमान बिश्नोई से स्प्रिट मंगाते थे। जो फींच व रोहिचा गांव निवासी हैं। सुनील को फोन करने पर वह हनुमान से स्प्रिट लाकर सप्लाई करता था। दो सौ लीटर स्प्रिट के ३२ हजार रुपए देते थे।

दिल्ली व जयपुर से मंगाई थी सामग्री
देसी शराब के पव्वों पर ढक्कन पैक करने के लिए आरोपियों ने कैप सिलिंग मशीन २० हजार रुपए में दिल्ली से ऑनलाइन मंगाई थी। ११८०० पव्वे व १७००० ढक्कन, एल्कोहॉलिक जांच मीटर, १५ सौ लेबर, गत्ता व पेटी का लेबल मध्यस्थ शंकर के मार्फत जयपुर और दिल्ली से मंगाए थे।

१५० लीटर पानी में ५० लीटर स्प्रिट
आरोपी प्लास्टिक के ड्रम में १५० लीटर पानी व ५० लीटर स्प्रिट मिलाकर एल्कोहोलिक मीटर से प्रतिशत जांचते हैं। ३० प्रतिशत होने पर ठेकों पर उपलब्ध होने वाली देसी शराब जैसी नकली शराब तैयार हो जाती है। फिर उसे पव्वों में भर दिए जाते हैं। कैप सिलिंग मशीन से ढक्क्न पैक कर दिए जाते हैं।

Source: Jodhpur

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