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जोधपुर।
हौंसला बुलंद हो तो कोई भी बाधा मंजिल के आड़े नहीं आती। इसी हौंसले ने एक दिव्यांग को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह दी है। यह है जगदीश लोहार, जो देश के दिव्यांगों को मोटिवेट करने व उनके कल्याण के लिए देश के पश्चिम से पूर्वी भारत की करीब 2935 यात्रा की, जगदीश की इस साहसिक यात्रा अभियान को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह दी गई है। जानकारी के अभाव में अपनी अनूठी यात्रा के रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में आवेदन कर नहीं कर पाए। अभी एक माह पूर्व ही आवेदन किया तो, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इनकी साहसिक यात्रा व इनके मकसद को महत्व देते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में सोमवार को चयन किया।
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13 दिन में पूरा किया 2900 किमी का सफर
जगदीश ने वर्ष 2018 में गर्मियों की छुट्टियां शुरू हप्रारंभ होने पर भारत के पश्चिमी छोर से पूर्वी छोर को मिलाने की अनूठी और साहसिक योजना बनाई। जगदीश 26 मई 2018 को अपने 23 साल पुराने तिपहिया स्कूटर पर जोधपुर से यात्रा शुरू की, जो अरुणाचल प्रदेश सहित कई राज्यों की यात्रा करते हुए 7 जून को गुवाहाटी (असम) में पूरी हुई।
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पूर्व में कर चुके है यात्राएं
जगदीश इससे पहले पश्चिम से पूर्वी भारत की 2935 किलोमीटर की यात्रा कर चुके है। वर्ष 2013 में जोधपुर से लद्दाख क्षेत्र की 1800 किमी यात्रा , वर्ष 2019 में जोधपुर से गांधी जन्म स्थली पोरबंदर और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों की 2086 किमी प्रेरणा यात्रा कर चुके है।

दिव्यांगों के लिए कम्पनियां निर्मित वाहन बनाए
जगदीश का सपना है कि देश की दुपहिया वाहन निर्माता कंपनियां दिव्यांग वर्ग के लिए मानक अनुकूलित वाहन उपलब्ध बनाए, जो देश के दिव्यांगों को उपलब्ध हो।

Source: Jodhpur

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