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बेलवा/जोधपुर. लोकदेवता बाबा रामदेव के 636 वें भाद्रपद मेले को कोरोना महामारी के कारण जैसलमेर जिला प्रशासन की ओर से स्थगित करने के बावजूद बाहरी राज्यों के हजारों श्रद्धालु रामदेवरा जा रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच इस तरह विभिन्न राज्यों के हजारों लोगों का आवागमन चिंताजनक है।

प्रशासन को डर है कि बाहरी राज्यों से आ रहे हजारों जातरू कोरोना वाहक बन सकते हैं। इसे देखते हुए जैसलमेर जिला कलक्टर आशीष मोदी ने मेले के स्थगन आदेश जारी कर दिए। इसके बावजूद जातरूओं का आवागमन थमा नहीं है। श्रद्धालु बन्द समाधिस्थल के आगे ही नतमस्तक होकर धोक लगा रहे हैं। ऐसे में जोधपुर से जैसलमेर जिले के रामदेवरा तक कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ गया है। हालांकि अब प्रशासन ने श्रद्धालुओं को रोकने के लिए रामदेवरा कस्बे की सीमाओं को सील कर दिया है।

प्रतिवर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि से बाबा रामदेव के अंतरराज्यीय मेले का शुभारंभ होता है। इस मेले में देशभर के लगभग 50 लाख श्रद्धालु भाग लेते हैं। इनमें से करीब आधे पदयात्रा कर रामदेवरा पहुंचते हैं। इस बार कोरोना महामारी के चलते यात्रियों की संख्या जरूर घटी है परन्तु आस्था नहीं।

जातरुओं की भीड़ से संक्रमण का खतरा

राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश सहित देशभर में बाबा रामदेव जी को मानने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों में है। इस बार कोरोना के चलते समाधिस्थल पिछले पांच माह से बंद हैं लेकिन श्रद्धा और आस्था के कारण भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा कोरोना का है। श्रद्धालु हजारों किलोमीटर दूरी का सफर तय करके रामदेवरा पहुंचते हैं। सफर के दौरान वे ढाबों, होटल रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप के साथ कई स्थानों पर ठहराव करते हैं। जिससे गांवों तक संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है। जोधपुर से रामदेवरा तक रोजाना हजारों जातरू पैदल, मोटरसाइकिल, टेम्पो, कार व अन्य साधनों के जरिये गुजरते हुए दिखाई देते हैं।

मास्क व सेनेटाइजर तक नहीं
लम्बा सफर तय करके बाबा के दर्शनार्थ रामदेवरा जा रहे जातरू मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग भी नहीं कर रहे। जिससे कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। प्रशासन की दखलंदाजी नहीं होने से जातरू बाबा के दरबार पहुंच रहे हैं।

पत्रिका व्यू
समूचा विश्व कोविड महामारी से जूझ रहा है। भारत विश्व में संक्रमितों के मामले में शीर्ष तीन देशों में आ चुका है, मौजूदा समय में जीवन बचाना सबसे पहली प्राथमिकता है। मेलों व बड़े समारोहों में भीड़ से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। भक्तगण अपने आराध्य देवी देवताओं का घर पर ही स्मरण व पूजा पाठ करें तो सभी के लिए बेहतर होगा। सडक़ों पर पैदल या मोटरसाइकिल से ज्यादा लम्बा सफर तय नहीं करें। कुछ समय बाद परिस्थितियां सामान्य होने के बाद फिर से नए उत्साह के साथ धार्मिक यात्राएं कर सकते हैं।

Source: Jodhpur

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